गूगल ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों को बड़ा झटका दिया है। भारतीय यूजर्स के लिए बायनेंस (Binance) जैसे विदेशी क्रिप्टो वॉलेट्स के वेब प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के 24 घंटे से भी कम समय में इनके ऐप्स भी गूगल प्ले स्टोर से हटा दिये गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इन ऐप्स को हटाने के लिए गूगल को निर्देश देने का कदम वित्त मंत्रालय के इनपुट के बाद आया है। इसमें कहा गया था कि इन प्लेटफॉर्म्स का कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग किया जा रहा है।
वेबसाइट्स पर भी लगाया है प्रतिबंध
इससे पहले शनिवार को सरकार ने भारतीय यूजर्स को Binance, Kucoin और OKX जैसे विदेशी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेज और वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स के वेब प्लेटफॉर्म्स तक पहुंचने से रोक दिया था। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने तब इन प्लेटफार्म्स के एंड्रॉइड ऐप्स को हटाने के आदेश भी जारी किए थे।
IOS स्टोर से भी हट चुके हैं ऐप्स
मंत्रालय द्वारा पिछले हफ्ते जारी किए गए एक आदेश के बाद इन प्लेटफार्म्स के आईओएस स्टोर ऐप्स को पहले ही हटा दिया गया था। पिछले पंद्रह दिनों में डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स के खिलाफ की गई कार्रवाई वित्त मंत्रालय की वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) के इनपुट पर आधारित थी। इसने सुझाव दिया था कि इन प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है।
बिना अनुमति के काम कर रहे थे ये एक्सचेंज
एफआईयू ने 28 दिसंबर को बायनेंस और आठ अन्य क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को नोटिस जारी किए थे। इनमें उन्हें भारत में अपने संचालन के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया था। क्योंकि वे बिना अनुमति के काम कर रहे थे और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए आवश्यक कानूनों का पालन नहीं कर रहे थे। एफआईयू ने आईटी मंत्रालय को यह भी सिफारिश की थी कि इन प्लेटफार्म्स के यूआरएल तक पहुंच को रोक दिया जाए।
इन एक्सचेंजों को भेजे गए नोटिस
एफआईयू के नोटिस ने इन प्लेटफार्म्स को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था, जो शुक्रवार को समाप्त हो गया था। उसने बायनेंस के सेशेल्स, केमन आइलैंड्स, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर कार्यालयों को नोटिस भेजे थे। आठ अन्य एक्सचेंज जिनसे जवाब मांगे गए थे, वे कुकोइन, हुओबी, ओकेएक्स, गेट.आईओ, बिट्ट्रेक्स, बिटस्टैम्प, एमईएक्ससी ग्लोबल और बिटफिनेक्स थे।