घरेलू वायदा बाजार में सुबह के सत्र के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। 7 जनवरी को सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर 5 फरवरी की समाप्ति के लिए एमसीएक्स पर सोने का भाव 0.02 प्रतिशत लुढ़ककर 77,140 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। हालांकि सुबह 9:10 बजे के आसपास 0.12 प्रतिशत बढ़कर सोना ₹77,250 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। लेकिन बाद में इसमें गिरावट देखने को मिली। आने वाले डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के तहत टैरिफ में नरमी की उम्मीदों के कारण अमेरिकी डॉलर में गिरावट आई। अमेरिकी डॉलर अपने एक सप्ताह के निचले स्तर के करीब कारोबार कर रहा था।
पिछले सत्र में सोने का हाल
खबर के मुताबिक, पिछले सत्र में सोने की कीमतों में गिरावट मुख्य रूप से हाजिर बाजारों से कमजोर मांग और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण हुई। सोमवार को, 10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड मई 2024 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। घरेलू इक्विटी बाजार में कमजोरी और डॉलर इंडेक्स में गिरावट ने सोने के नुकसान को लिमिटेड कर दिया। एमसीएक्स गोल्ड का फरवरी वायदा अनुबंध 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ ₹77,158 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, शुक्रवार को अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट आनी है, जो महत्वपूर्ण है। यह अमेरिकी ब्याज दरों के भविष्य के प्रक्षेपवक्र के बारे में उम्मीदों को प्रभावित करेगी। व्यापारी दिन में बाद में अमेरिकी नौकरी के उद्घाटन के आंकड़ों के साथ-साथ बुधवार को फेड की दिसंबर की नीति बैठक के मिनटों का भी इंतजार कर रहे हैं।
दिल्ली में सोने का हाजिर भाव
राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बीते सोमवार को सोने की कीमत 700 रुपये टूटकर 79,000 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। सोमवार को 99. 5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत शुक्रवार के 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के पिछले बंद भाव के मुकाबले 700 रुपये गिरकर 78,600 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।
केंद्रीय बैंकों ने 53 टन सोना जोड़ा
दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने नवंबर, 2024 में अपने भंडार में सामूहिक रूप से 53 टन सोना जोड़ा, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का भी आठ टन सोना शामिल था। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने बीते सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2024 में अधिकांश उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में एक स्थिर एवं सुरक्षित संपत्ति की जरूरत को देखते हुए सोने के खरीदार बने रहे।