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Gold Price: सोने की कीमत डोनाल्ड ट्रंप की इस पॉलिसी के बावजूद ₹80,000 प्रति 10 ग्राम के पार

विश्लेषकों ने कहा कि सोने ने अपनी खोई हुई जमीन वापस पा ली है और तेजी का रुझान बरकरार है तथा एमसीएक्स पर कीमती धातु के 77,000-78,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,100 रुपये बढ़कर 80,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Nov 25, 2024 6:48 IST, Updated : Nov 25, 2024 6:49 IST
भारत में चल रहे शादी के मौसम के कारण सोने के आभूषण खरीदने में रुचि दिख रही है।
Photo:PTI भारत में चल रहे शादी के मौसम के कारण सोने के आभूषण खरीदने में रुचि दिख रही है।

कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति (जनवरी में पद संभालेंगे) डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीति के बाद भी प्रमुख भारतीय शहरों में सोने का भाव ₹80,000 प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई हैं। सोना मजबूत अमेरिकी डॉलर के प्रभाव से भी उबरता दिखा है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, उनका यह भी कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से कीमती धातु को मजबूती मिल रही है। ग्लोबल मार्केट में 2,700 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई है।

सोने की कीमतों में 8 प्रतिशत की गिरावट आई थी

खबर के मुताबिक, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की कीमत 6,775 रुपये या 8. 5 प्रतिशत घटकर 73,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित व्यापार नीति की उम्मीदें बढ़ गई थीं। अमेरिकी चुनाव के नतीजों के बाद सोने की कीमतों में 8 प्रतिशत की गिरावट आई थी। एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी ने कहा कि मजबूत अमेरिकी डॉलर इंडेक्स जो 101 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 107.5 हो गया, ने सोने पर बहुत दबाव डाला, जबकि ट्रंप के प्रचार अभियान के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में रुख ने निवेशकों के फंड को अधिक रिटर्न की तलाश में लगा दिया।

इसलिए बढ़ गया सोने पर दबाव

एक्सपर्ट्स हालांकि यह भी कहते हैं कि नीतिगत ब्याज दर के प्रति अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) का सतर्क रवैया और मजबूत अमेरिकी डॉलर सर्राफा के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का काम कर रहे हैं। ट्रंप द्वारा सभी अमेरिकी आयातों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने की प्रतिज्ञा ने फेडरल रिजर्व की आक्रामक तरीके से छूट देने की क्षमता को सीमित कर दिया, जिससे सोने पर दबाव और बढ़ गया। भू-राजनीतिक तनावों ने चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष में परमाणु जोखिमों के नए डर से सुरक्षित-हेवन डिमांड को बढ़ावा दिया, जिससे सोने की कीमतों में काफी उछाल आया।

सोने ने अपनी खोई हुई जमीन वापस पा ली

विश्लेषकों ने कहा कि सोने ने अपनी खोई हुई जमीन वापस पा ली है और तेजी का रुझान बरकरार है तथा एमसीएक्स पर कीमती धातु के 77,000-78,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,100 रुपये बढ़कर दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 80,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत शुक्रवार को 1,100 रुपये बढ़कर फिर से 80,000 रुपये के स्तर पर पहुंच गई। इस बीच, शुक्रवार को एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध 69 रुपये या 0.09 प्रतिशत बढ़कर 77,685 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए।

शादी के मौसम का मिलेगा सपोर्ट

भारत में चल रहे शादी के मौसम के कारण सोने के आभूषण खरीदने में रुचि दिख रही है। मालाबार समूह के अध्यक्ष एम पी अहमद ने कहा कि शादी का मौसम हमारे कारोबार के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें दुल्हन या शादी के आभूषणों की बिक्री में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होती है। इस साल चल रहे शादी के मौसम के दौरान, हम भारत में अपने सभी स्टोरों में दुल्हन के आभूषणों की अच्छी मांग देख रहे हैं। विश्लेषकों ने कहा कि बाजार सहभागियों को अमेरिका की तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों का भी इंतजार रहेगा, जो पीली धातु के लिए आगे की दिशा प्रदान करेंगे।

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