सोने की कीमत (Gold price) में नवरात्रि (navratri 2023) के दौरान लगातार तेजी का रुख रहा। पश्चिम एशिया में ताजा संघर्ष के विस्फोट को सोने (Gold) की कीमत के पीछ मुख्य वजह माना गया। बीते कुछ दिनों में सोने के भाव के ट्रेंड पर बात करें तो एक्सपर्ट्स का कहना है कि 10 दिनों में सोने की कीमतें तेजी से बढ़कर 56,000 रुपये से 60,000 प्रति 10 ग्राम हो गई हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इजरायल-हमास संघर्ष में बढ़ोतरी के चलते व्यापक मध्य पूर्व क्षेत्र में इसके फैलने की चिंता बढ़ गई है, जिसका नतीजा यह हुआ है कि इस पारंपरिक और सुरक्षित-संपत्ति की डिमांड तेज हो गई है।
कीमतें 10% ज्यादा हो जाएंगी
खबर के मुताबिक, निवेश मांग और भौतिक खुदरा मांग वापस आ गई है, जिससे कीमत (Gold price) को समर्थन मिल रहा है। आरएसबीएल (रिद्दीसिद्धि बुलियंस लिमिटेड) के एमडी सीईओ पृथ्वीराज कोठारी कहते हैं कि लंबे समय के लिए सोने में निवेश की सोच से बुनियादी और तकनीकी परिदृश्य में सुधार हुआ है। मुझे उम्मीद है कि अगले साल तक कीमतें मौजूदा स्तर से कम से कम 10% ज्यादा हो जाएंगी। यही वजह है कि दशहरा (Dussehra 2023) के मौके पर सोना (Gold) खरीदने का सबसे अच्छा समय है। भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के समय सोने को एक सुरक्षित एसेट माना जाता है। एमके वेल्थ मैनेजमेंट के मुताबिक, तत्काल अवधि में सोने में तेजी का रुख रहने की उम्मीद है।
निवेशकों की सोने के प्रति प्राथमिकता बढ़ी
इंटरनेशनल मार्केट को देखों तो तकनीकी रूप से सोने (Gold) के लिए मूल्य लक्ष्य 1990 अमेरिकी डॉलर और 2030 अमेरिकी डॉलर पर बने हुए हैं। मनी मैनेजमेंट फर्म एमके वेल्थ मैनेजमेंट फर्म ने कहा कि मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष ने निवेशकों की सोने के प्रति प्राथमिकता को बढ़ा दिया है, इस वजह से डिमांड तेज हुई है और जाहिर है कीमत में परिणामस्वरूप परिसंपत्ति वर्ग में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
सोने की कीमतों (Gold price) को 1880 अमेरिकी डॉलर और 1860 अमेरिकी डॉलर के स्तर पर अच्छा समर्थन मिला हुआ है। इसमें कहा गया है कि संघर्ष की स्थिति पैदा होने से पहले के कॉन्टेक्स्ट को लेकर कहा कि सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में लगातार महंगाई के बावजूद, सोना ज्यादा नहीं बढ़ सका क्योंकि महंगाई के साथ बेहद कठोर मौद्रिक नीति आई, जिसने ब्याज दरों को ऊंचा कर दिया। आने वाले समय में सोने पर निवेशकों की खास नजर रहेगी।