स्थानीय बाजारों में सोने की कीमतों में सात प्रतिशत या 5,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की तीव्र गिरावट आई है। सरकार के सोने पर कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद यह असर हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि कम लागत से अधिक लोग जिंस और वित्तीय परिसंपत्ति दोनों के रूप में सोने में निवेश करने को प्रोत्साहित होंगे। भाषा की खबर के मुताबिक, विश्लेषकों ने कहा कि सीमा शुल्क में कटौती से सोने का आयात सस्ता हो गया है। इस कदम से सोने की तस्करी पर लगाम लगेगी और संगठित आभूषण क्षेत्र में वृद्धि होगी।
खुदरा निवेशकों को होगा लाभ
खबर के मुताबिक, एलकेपी सिक्योरिटीज में जिंस और मुद्रा के शोध विश्लेषक उपाध्यक्ष जतीन त्रिवेदी ने कहा कि सोने की कीमतों पर मूल सीमा शुल्क में कटौती से यह पीली धातु सस्ती हुई है। हालांकि, अचानक हुए बदलाव से बाजार की धारणा कमजोर हो सकती है, लेकिन खुदरा निवेशकों को सोने की नई और अधिक आकर्षक कीमतों से लाभ होगा। यूनिमोनी फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कृष्णन आर.ने कहा कि कम लागत से अधिक लोग सोने में निवेश करने को प्रोत्साहित होंगे।
कस्टम ड्यूटी हुआ कम तो घटता गया सोने का भाव
एक वस्तु के रूप में और एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में, जिसे अक्सर मुद्रास्फीति तथा मुद्रा अवमूल्यन से निपटने के लिए बचाव के रूप में देखा जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में सोने तथा चांदी पर मूल सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने की घोषणा के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 3,350 रुपये की गिरावट के साथ 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई थी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, सोने की कीमतों में बुधवार को गिरावट जारी रही और यह 650 रुपये और सस्ता हो गया। बृहस्पतिवार को सोने की कीमतों में फिर से भारी गिरावट आई और यह 1,000 रुपये की गिरावट के साथ 70,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। शुल्क कटौती के बाद पिछले तीन सत्रों में सोने की कीमत में 5,000 रुपये प्रति 10 ग्राम या 7.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। 23 जुलाई को इसकी कीमत 3,350 रुपये घटकर 72,300 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई थी।
तस्करी पर रोक लगने में मदद मिलेगी
पीसी ज्वैलर्स के प्रबंध निदेशक बलराम गर्ग ने कहा कि कस्टम ड्यूटी में कटौती से घरेलू बाजारों में आभूषणों की मांग में तेजी आई है। त्योहारी सीजन से पहले यह जौहरियों के लिए बिक्री बढ़ाने का काम करेगा और कम कीमतों के कारण उपभोक्ताओं द्वारा नई खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा। मालाबार समूह के चेयरमैन एमपी अहमद ने कहा कि सोने के क्षेत्र के व्यापारी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। इससे सोने की तस्करी की बढ़ती समस्या पर अंकुश लगने की उम्मीद है। तस्करी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा है। नई दरों से एक किलोग्राम सोने पर शुल्क 9.82 लाख रुपये से घटकर 3.93 लाख रुपये हो गया है, जिससे तस्करी पर रोक लगने में मदद मिलेगी।