Highlights
- Sensex एक बार 621.85 अंक तक आया नीचे
- बीएसई सेंसेक्स 509.24 अंक यानी 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,598.28 अंक पर बंद हुआ
- निफ्टी 148.80 अंक की गिरावट के साथ 16,858.60 अंक पर बंद हुआ
Share Market: घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला बुधवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 509 अंक से अधिक लुढ़क कर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी से बाजार में गिरावट बनी हुई है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 509.24 अंक यानी 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,598.28 अंक पर बंद हुआ।
621.85 अंक तक आया नीचे
कारोबार के दौरान एक समय यह 621.85 अंक तक नीचे आ गया था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 148.80 अंक यानी 0.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,858.60 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से आईटीसी, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, सन फार्मा, डॉ.रेड्डीज और पावरग्रिड शामिल हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में भी स्थिति साफ नहीं
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार में मंगलवार को मिला-जुला रुख रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनाद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मंदी को लेकर चिंता के बीच घरेलू बाजार में ऊंचे मूल्य को लेकर निवेशक आशंकित हैं। वहीं विदेशी निवेशक निवेश के लिये सुरक्षित जगह की तलाश में उभरते बाजारों से निकल रहे हैं। हालांकि, घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूत बुनियाद के साथ तेजी है, लेकिन वैश्विक स्तर पर मंदी को लेकर चिंता बढ़ने से शेयर बाजार में जोखिम लेने से निवेशक बच रहे हैं।’’
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.08 प्रतिशत घटकर 86.20 डॉलर प्रति बैरल रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 2,823.96 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
रुपया में कमजोरी बरकरार
अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बुधवार को 37 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ अपने अबतक के सबसे निचले स्तर 81.90 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर आ गया। विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और निवेशकों के जोखिम वाले बाजारों में निवेश करने से बचने से घरेलू मुद्रा में गिरावट आई। घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के रुख और विदेशी निवेशकों की निकासी के बीच कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 82 प्रति डॉलर से नीचे आ गया था।