Highlights
- जून में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
- मार्च, 2020 के बाद उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है
- मार्च, 2020 में एफपीआई ने 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे
Stock Market: अमेरिका में ब्याज दरों में बदलाव का सिलसिला भारतीय शेयर बाजारों की कमर तोड़ रहा है। जून महीने में बड़ी तबाही लाते हुए विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 50000 करोड़ से ज्यादा के शेयर बेच डाले, यह बीते दो साल में सबसे बड़ा आंकड़ा है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के आक्रामक रुख, ऊंची मुद्रास्फीति तथा घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं। जानकार विदेशी निवेशकों के इस 'महापलायन' को देश की आर्थिक स्थिति के लिए बड़ा खतरा बता रहे हैं।
भारत से बाहर गए 50,203 करोड़ रुपये
शेयर बाजार से मिली जानकारी के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जून में लगातार नौवें महीने जारी रहा। जून में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह मार्च, 2020 के बाद उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। उस समय एफपीआई ने भारतीय शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे।
सिर्फ 6 महीने में निकाले 2.2 लाख करोड़
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 के पहले छह माह में एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.2 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। यह उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इससे पहले 2008 के पूरे साल में एफपीआई ने शेयर बाजारों से 52,987 करोड़ रुपये निकाले थे।
आगे भी जारी रहेगी बिकवाली
विश्लेषकों ने आगाह किया है कि अभी एफपीआई की निकासी जारी रह सकती है। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘आगे चलकर हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति से एफपीआई का रुख तय होगा। इसके अलावा बॉन्ड और शेयरों पर प्राप्ति का अंतर भी लगातार कम रहा है। इससे भी एफपीआई निकासी कर रहे हैं।’’
भारत नहीं बल्कि दूसरे देश भी परेशान
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि, ऊंची महंगाई दर तथा शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से निकल रहे हैं।’’ भारत को लेकर अभी उनका नजरिया नेगेटिव बना हुआ है। लेकिन एफपीआई से भारत ही परेशान नहीं है, जून में अन्य उभरते बाजारों मसलन इंडोनेशिया, फिलिपीन, दक्षिण कोरिया,ताइवान और थाइलैंड में भी एफपीआई ने जमकर शेयर बेचे हैं।