नए साल में भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों में लिवाली का सिलसिला जारी है। देश की मजबूत आर्थिक बुनियाद को लेकर आशान्वित एफपीआई ने जनवरी के पहले सप्ताह में शेयर बाजारों में करीब 4,800 करोड़ रुपये डाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 4,000 करोड़ रुपये लगाए हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि 2024 में अमेरिका में ब्याज दरों में लंबे समय तक गिरावट की उम्मीद है, जिससे एफपीआई अपनी खरीदारी बढ़ाएंगे। खासकर आम चुनावों से पहले नए साल के शुरुआती महीनों में एफपीआई का निवेश बढ़ेगा।
शेयरों में आया 4,773 करोड़ का निवेश
उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2024 में ऋण बाजार में भी एफपीआई का प्रवाह अच्छा रहने की उम्मीद है। आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने (पांच जनवरी तक) भारतीय शेयरों में 4,773 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इससे पहले दिसंबर में उन्होंने शेयरों में 66,134 करोड़ रुपये और नवंबर में 9,000 करोड़ रुपये डाले थे।
FPI को आकर्षक लग रहे भारतीय बाजार
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक -प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई का ताजा प्रवाह ऐसे समय में आया है, जब निवेशक पिछले सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे का इंतजार कर रहे थे। फिडेल फोलियो के स्मॉलकेस प्रबंधक और संस्थापक किस्लय उपाध्याय ने कहा, ‘भारत के घरेलू निवेशकों का निरंतर प्रवाह, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अच्छे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े, कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजे और बैंकों की अच्छी सेहत विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार की तरफ आकर्षित कर रही है।’ कुल मिलाकर बीते साल यानी 2023 में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 2.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसमें से 1. 71 लाख करोड़ रुपये का निवेश शेयरों में और 68,663 करोड़ रुपये का ऋण या बॉन्ड बाजार में रहा है।