भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से बंपर निवेश का सिलसिला जारी है। जून महीने में विदेशी निवेशकों ने पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारतीय इक्विटी में 47,148 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा जून में किया गया यह निवेश पिछले 10 महीने में सबसे अधिक है। वित्तीय परामर्श कंपनी क्रेविंग अल्फा के प्रिंसिपल पार्टनर मयंक मेहरा ने हालांकि कहा कि जुलाई में निवेश कम हो सकता है, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की हालिया टिप्पणियों से एफपीआई सतर्क रुख अपना सकते हैं।
थोड़ा सतर्क हो सकते हैं विदेशी निवेशक
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई आगे चलकर थोड़ा सतर्क हो सकते हैं, क्योंकि देश में मूल्यांकन अल्पकालिक नजरिए से थोड़ा अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक जून में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 47,148 करोड़ रुपये का निवेश किया। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी में एफपीआई निवेश मई में 43,838 करोड़ रुपये, अप्रैल में 11,631 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये था। इससे पहले एफपीआई ने जनवरी और फरवरी में इक्विटी से शुद्ध रूप से 34,000 करोड़ रुपये निकाले थे।
रिकॉर्ड स्तर पर सेंसेक्स, निफ्टी
विदेशी पूंजी का प्रवाह कायम रहने और वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बीच घरेलू शेयर बाजारों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी अब तक के उच्चतम स्तर पर बंद हुए। शुक्रवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 803.14 अंक यानी 1.26 प्रतिशत उछलकर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 64,718.56 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 853.16 अंक यानी 1.33 प्रतिशत की नई ऊंचाई तक उछल गया था। एनएसई का निफ्टी भी 216.95 अंक यानी 1.14 प्रतिशत चढ़कर 19,189.05 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 229.6 अंक यानी 1.21 प्रतिशत बढ़कर 19,201.70 के अपने सर्वकालिक शिखर पर भी पहुंच गया था। साप्ताहिक आधार पर बीएसई सेंसेक्स इस हफ्ते 1,739.19 अंक यानी 2.76 प्रतिशत चढ़ गया। वहीं एनएसई निफ्टी में 523.55 अंक यानी 2.80 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।