Highlights
- 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले छह महीने में एफपीआई ने
- अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 तक लगातार निकासी की थी
- विदेशी निवेशकों के निवेश से बाजार बना सकता है नया हाई
नई दिल्ली। छह माह तक लगातार बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 7,707 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। शेयर बाजारों में ‘करेक्शन’ ने एफपीआई को लिवाली का अच्छा अवसर दिया है, जिससे इस महीने वे शुद्ध खरीदार रहे हैं। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक-शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई प्रवाह को अभी प्रवृत्ति में बदलाव कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। इस मोर्चे पर चीजें अधिक स्पष्ट हो सकें इसके लिए अगले कुछ सप्ताह या माह का इंतजार करना होगा।
बाजार बना सकता है नया हाई
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय के बाद विदेशी निवेशकों ने एक बार फिर से भारतीय बाजार का रुख किया है। आने वाले से यह निवेश और बढ़ सकता है। बाजार में बड़ा करेक्शन आ चुका है। वहीं, अतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ी घटना नहीं है जो बाजार को बड़े स्तर पर प्रभावित करें। ऐसे में यह उम्मीद है कि विदेशी निवेशकों के निवेश से एक बार फिर भारतीय बाजार नया हाई बना सकता है। इससे निवेशकों को शानदार रिटर्न मिल सकता है। इस मौके का फायदा उठाकर छोटे निवेशक भी मोटी कमाई कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट में 7,707 करोड़ किया निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1-8 अप्रैल के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया है। श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई के प्रवाह से संकेत मिलता है कि उन्होंने अपने पोर्टफोलियो के पुनर्मूल्यांकन को पूरा कर लिया है। इसके अलावा शेयर बाजारों में हालिया ‘करेक्शन’ ने भी उनके लिए निवेश के अवसर खोले हैं। हालांकि, पिछले दो कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने बिकवाली की है। ऐसे में अभी एफपीआई प्रवाह की दिशा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हैं।
1.48 लाख करोड़ की बड़ी निकासी की थी
इससे पहले अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 तक छह माह में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले थे। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा बांड या ऋण बाजार में भी 1,403 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पिछले दो माह (फरवरी-मार्च) के दौरान उन्होंने बांड बाजार से 8,705 करोड़ रुपये निकाले थे।