Highlights
- फरवरी माह में अबतक भारतीय बाजारों से 18,856 करोड़ रुपये निकाले
- पिछले एक साल में एफपीआई ने भारतीय शेयरों से करीब आठ अरब डॉलर निकाले
- यह 2009 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है
नई दिल्ली। भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच एफपीआई की निकासी बढ़ी है। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ने से निवेशकों का रुख बांड और सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों की तरफ हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में एफपीआई ने भारतीय शेयरों से करीब आठ अरब डॉलर निकाले हैं। यह 2009 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
इस महीने अब तक 18,856 करोड़ की निकासी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी माह में अबतक भारतीय बाजारों से 18,856 करोड़ रुपये निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 18 फरवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 15,342 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 3,629 करोड़ रुपये की निकासी की है। इस दौरान उन्होंने हाइब्रिड माध्यमों में 115 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 18,856 करोड़ रुपये रही है।
लगातार पांच महीने से निकासी जारी
यह लगातार पांचवां महीना है जबकि विदेशी कोषों ने भारतीय बाजारों से निकासी की है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, भू-राजनीतिक तनाव और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच एफपीआई हाल के समय में भारतीय शेयरों से निकासी कर रहे हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संकेत दिए जाने के बाद उनकी बिकवाली भी तेज हुई है।