लंबे समय के बाद विदेशी निवेशकों ने एक बार फिर भारतीय बाजार में बिकवाली शुरू कर दी है। आपको बता दें कि पिछले दो दिनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2,081 करोड़ रुपये के स्टॉक बेचे हैं, जो खरीदारी में कमी के संकेत देता है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि बीते तीन महीने से विदेशी निवेशक शेयर बाजार में लगातार पैसा डाल रहे थे। एफपीआई ने मई में शेयरों में 43,838 करोड़ रुपए और जून में 47,148 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
21 जुलाई तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 43,800 करोड़ रुपए का निवेश किया था। हालांकि, अब वो निकासी कर रहे हैं। यह अच्छे संकेत नहीं है। इससे बाजार में गिरावट गहरा सकती है। वैसे भी पिछले तीन दिनों से शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। इसके चलते सेंसेक्स करीब 1200 अंक टूट चुका है। ऐसे में छोटे निवेशक को बहुत ही सावधानी से बाजार में निवेश करने की जरूरत है। जिस तेजी से बाजार ने रिकॉर्ड हाई को छुआ है, उसी तेजी से करेक्शन देखने को मिल सकता है।
निफ्टी के लिए 20 हजार के लेवल टच करना मुकिश्कल
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई प्रवाह धीमा हो गया है। यह बढ़ते डॉलर सूचकांक को लेकर सामान्य प्रतिक्रिया है, जो हाल के 99 के निचले स्तर से बढ़कर 101.4 पर पहुंच गया है। भले ही निफ्टी लचीलेपन का संकेत दे रहा है, लेकिन बढ़ते डॉलर और घटते एफपीआई प्रवाह को देखते हुए, अगले कुछ दिनों में इसके 20,000 के स्तर तक पहुंचने की संभावना कम है। उन्होंने कहा, ब्रेंट क्रूड का 82 डॉलर तक पहुंचना बाजार पर एक और दबाव होगा।
फेड की ब्याज दरों में बढ़ोतरी का भी होगा असर
वैश्विक स्तर पर बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर नजर रखेंगे क्योंकि दर में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी पहले से ही ज्ञात है। मंगलवार को टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो की पहली तिमाही के नतीजे आएंगे, और बुधवार को एक्सिस बैंक, सिप्ला, डॉ रेड्डीज, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा के। ये नतीजे स्टॉक की कीमतों और बाजार की भावनाओं को प्रभावित करेंगे। होटल डीमर्जर की घोषणा के बाद दूसरे दिन भी आईटीसी के शेयर में गिरावट रही। कंपनी 2 फीसदी से ज्यादा नीचे है, जबकि बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 15 अंक की गिरावट के साथ 66,368 अंक पर कारोबार कर रहा था।
इनपुट: आईएएनएस