विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार के लिए तिजोरी खोल दी है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई महीने में भारतीय शेयर बाजारों में 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो नौ माह का उच्चस्तर है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने जून में भी निवेश जारी रखे हुए हैं इस महीने के पहले दो कारोबारी सत्रों में शेयर बाजारों में उन्होंने 6,490 करोड़ रुपये डाले हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इस महीने भी एफपीआई का प्रवाह जारी रहेगा। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों के साथ अन्य संकेतक इस बात का इशारा कर रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था और मजबूत हो रही है।
नौ माह में FPI द्वारा किया गया सबसे अधिक निवेश
आंकड़ों के मुताबिक, मई के पूरे महीने में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह पिछले नौ माह में एफपीआई के निवेश का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इससे पहले उन्होंने अगस्त, 2022 में शेयरों में शुद्ध रूप से 51,204 करोड़ रुपये डाले थे। अप्रैल, 2023 में शेयरों में उनका निवेश 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये रहा था। मार्च के निवेश मुख्य योगदान अमेरिकी की जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों में डाली गई पूंजी का था। हालांकि, अगर अडाणी समूह में जीक्यूजी के निवेश को निकाल दिया जाए, तो मार्च का आंकड़ा भी नकारात्मक हो जाएगा। इसके अलावा इस साल के पहले दो माह में एफपीआई ने 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी।
बेहतर तिमाही नतीजों की वजह से निवेश बढ़ा
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई का ताजा प्रवाह मजबूत वृहद परिदृश्य, शेयरों के उचित मूल्यांकन और बेहतर तिमाही नतीजों की वजह से है। शेयरों के अलावा एफपीआई ने मई में ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 3,276 करोड़ रुपये डाले हैं। इस तरह 2023 में अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों में 35,748 करोड़ रुपये और बॉन्ड बाजार में 7,471 करोड़ रुपये डाल चुके हैं।