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विदेशी निवेशकों ने भारतीय स्टॉक मार्केट के लिए खोली तिजोरी, नवंबर में किए इतने हजार करोड़ के निवेश

आंकड़ों से पता चलता है कि बॉन्ड को लेकर नवंबर में ऋण बाजार ने 14,860 करोड़ रुपये आकर्षित किए। यह अक्टूबर, 2017 के बाद से यह सबसे अधिक निवेश था, जब 16,063 करोड़ रुपये आए थे। जेपी मॉर्गन के बाजार सरकारी बॉन्ड सूचकांक में भारतीय प्रतिभूतियों को शामिल करने से घरेलू बॉन्ड बाजारों में विदेशी कोषों की भागीदारी बढ़ी है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: December 03, 2023 14:31 IST
विदेशी निवेशक- India TV Paisa
Photo:FILE विदेशी निवेशक

विदेशी निवेशकों ने एक बार फिर भारतीय स्टॉक मार्केट के लिए तिजोरी खोल दी है। दो महीनों तक बिकवाली करने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर में एक बार फिर भारतीय शेयर बाजारों का रुख किया और करीब 9,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके साथ ही डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने पिछले महीने डेट मार्केट में 14,860 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया जो छह साल का उच्चतम स्तर है। इसका असर बाजार पर देखने को भी मिला है। भारतीय बाजार में शानदार तेजी दर्ज की गई है। 

राज्यों के चुनाव परिणाम का असर दिखेगा 

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर एफपीआई का रुख काफी हद तक घरेलू बाजार के रुझान से तय होगा। घरेलू बाजार पर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों का असर पड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा, "इन राज्यों में नतीजे सत्तारूढ़ सरकार के लिए अनुकूल होने पर बाजार में तेजी आएगी। ऐसी स्थिति में विदेशी निवेशक भी उस तेजी का लाभ उठाने से नहीं चूकना चाहेंगे।" आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में कुल 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। 

अक्टूबर और सितंबर में बिकवाली की थी 

इसके पहले एफपीआई ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। हालांकि एफपीआई ने मार्च से अगस्त तक लगातार भारतीय इक्विटी में खरीदारी की और इन छह महीनों में 1.74 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। भारतीय बाजार में एफपीआई के फिर से पैदा हुए आकर्षण की वजह अमेरिकी बॉन्ड के प्रतिफल में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव को माना जा सकता है। पिछले महीने बाजार में दो कंपनियों इरेडा और टाटा टेक्नोलॉजीज के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को निवेशकों का तगड़ा समर्थन भी मिला। मजर्स इन इंडिया के प्रबंध साझेदार भरत धवन ने कहा कि इन दोनों आईपीओ की बढ़िया सूचीबद्धता संभावित रूप से विदेशी निवेशकों के लिए सकारात्मक रुझान का संकेत दे रही है।

बेहतर रिटर्न के लिए भारतीय बाजार की ओर रुख 

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट में सह निदेशक एवं शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट ने एफपीआई को बेहतर रिटर्न के लिए भारतीय बाजार पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया होगा।" इसके अलावा कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट ने भी सकारात्मक समर्थन प्रदान किया है। कुल मिलाकर, साल 2023 के लिए कुल मिलाकर रुझान अच्छा बना हुआ है। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक एफपीआई ने 1.15 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। 

अक्टूबर, 2017 के बाद सबसे अधिक निवेश 

आंकड़ों से पता चलता है कि बॉन्ड को लेकर नवंबर में ऋण बाजार ने 14,860 करोड़ रुपये आकर्षित किए। यह अक्टूबर, 2017 के बाद से यह सबसे अधिक निवेश था, जब 16,063 करोड़ रुपये आए थे। जेपी मॉर्गन के उदीयमान बाजार सरकारी बॉन्ड सूचकांक में भारतीय प्रतिभूतियों को शामिल करने से घरेलू बॉन्ड बाजारों में विदेशी कोषों की भागीदारी बढ़ी है। इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय ऋण बाजार में शुद्ध रूप से 50,270 करोड़ रुपये का निवेश किया है। 

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