विदेशी निवेशकों की ओर से भारतीय बाजार में भारी बिकवाली जारी है। इसका असर स्टॉक मार्केट पर दिखाई दे रहा है। स्टॉक मार्केट में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। आपको बता दें कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की ओर से भारतीय शेयर बाजार में (अगस्त 17 तक) 32,684 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए। वहीं, प्राइमरी मार्केट और अन्य कैटेगरी में करीब 11,483 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। शनिवार को जारी हुए इंडस्ट्री डेटा से यह जानकारी मिली। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि यह ट्रेंड आने वाले समय में भी जारी रह सकता है। भारतीय बाजार इस समय प्रीमियम वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं। इस वजह से विदेशी निवेशक अपने पैसे को सस्ते बाजारों में निवेश कर रहे हैं। आगे कहा कि अगर बाजार में तेजी जारी रहती है तो इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा। बेशक अमेरिका में मंदी का खतरा कम हो जाए।
बाजार में अस्थिरता और जोखिम का खतरा बना हुआ
वॉटरफील्ड एडवाइजर्स में लिस्टेड इन्वेस्टमेंट के डायरेक्टर विपुल भोवार ने कहा कि मौजूदा समय में येन कैरी ट्रेड, वैश्विक मंदी, आर्थिक गति धीमी होने और वैश्विक तनाव बढ़ने के कारण बाजार में अस्थिरता और जोखिम का खतरा बना हुआ है। भोवार ने आगे कहा कि जून और जुलाई में शुद्ध रूप से खरीदारी करने के बाद अब एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं। वहीं, मिले जुले तिमाही नतीजे और उच्च वैल्यूएशन ने भारतीय बाजार को कम आकर्षक बना दिया है।
प्राइमरी मार्केट में वैल्यूएशन कम
प्राइमरी मार्केट में अभी भी कम वैल्यूएशन पर ट्रेड हो रहा है। वहीं, सेकेंडरी में वैल्यूएशन फिलहाल अधिक है। इस कारण से एफपीआई प्राथमिक बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं, जहां वैल्यूएशन सस्ते हैं और सेकेंडरी बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं। बीते 12 महीने में एफपीआई की ओर से भारतीय बाजारों में 64,824 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। डेटा के अनुसार इस दौरान एफपीआई ने कुल 1,82,965 करोड़ रुपये का निवेश किया है और 1,18,141 करोड़ रुपये की कुल बिकवाली की है।
इनपुट: आईएएनएस