Thursday, November 28, 2024
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पेट्रोल, डीजल और ATF पर वित्त मंत्रालय करेगा रिव्यू, निर्यात पर टैक्स को लेकर इस वजह से होगी चर्चा

सरकार की तरफ से आखिरी बार 31 अगस्त को इसकी समीक्षा की गई थी। तब कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित लाभ कर 1,850 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया था। डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को 18 सितंबर से शून्य पर यथावत रखा गया है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Nov 28, 2024 14:29 IST, Updated : Nov 28, 2024 14:29 IST
भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। - India TV Paisa
Photo:FILE भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था।

पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर अप्रत्याशित प्रॉफिट टैक्स के असर की समीक्षा की जाएगी। सरकार की तरफ से यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर हो गई हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सरकार ने जुलाई 2022 में पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) पर निर्यात कर लगाने का फैसला किया था, क्योंकि घरेलू आपूर्ति की कीमत पर ईंधन के निर्यात पर कुछ तेल रिफाइनरियों को अभूतपूर्व मुनाफा हुआ था।

अप्रत्याशित लाभ कर को घटाकर शून्य कर दिया था

खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय अप्रत्याशित लाभ कर  (प्रॉफिट टैक्स) तथा इससे जुटाए जाने वाले कर की समीक्षा करने जा रहा है। सरकार ने सितंबर में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर प्रति टन अप्रत्याशित लाभ कर को घटाकर शून्य कर दिया था। यह टैक्स विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाता है और तेल की दो सप्ताह की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े अधिसूचित किया जाता है।

अगस्त में अप्रत्याशित लाभ कर 1,850 रुपये प्रति टन था

सरकार की तरफ से आखिरी बार 31 अगस्त को इसकी समीक्षा की गई थी। तब कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित लाभ कर 1,850 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया था। डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को 18 सितंबर से शून्य पर यथावत रखा गया है। भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही वह उन देशों की सूची में शामिल हो गया जो ऊर्जा कम्पनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं।

सूत्रों ने साथ ही बताया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर विचार करने के लिए वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद को इस प्रस्ताव पर विचार कर फैसला लेना है।

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