शेयर बाजार में बिकवाली थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को लगातार 8वें दिन बाजार में बड़ी गिरावट आई। बैंकिंग, आईटी और एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली ने बाजार का मूड खराब करने का काम किया। इसके चलते बीएसई सेंसेक्स कमजोर खुलने के बाद लगातार कमजोर होता चला गया। कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 326.23 अंक टूटकर 58,962.12अंक पर बंद हुआ। इसके साथ ही सेंसेक्स 59 हजार के स्तर से नीचे फिसल गया। निफ्टी में भी कमजोरी हावी है। आज निफ्टी 79.55 अंक गिरकर 17,313.15 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल MARUTI, ICICIBANK, HCLTECH, TCS, INDUSINDBK, WIPRO, SBIN, SUNPHARMA, BHARTIARTL, INFY, TECHM और AXISBANK के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। हालांकि, आज लंबे समय के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों में खरीदारी लौटी, जिससे कई कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहें। अडाणी ग्रुप की ओर से इस साल मार्च के अंत तक 690 मिलियन डॉलर और 790 मिलियन डॉलर के बीच शेयर-समर्थित ऋण चुकाने की खबर आने से ग्रुप कंपनियों के शेयरों में खरीदारी लौटी। गौरतलब है कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली जारी थी।
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तीन साल में सबसे लंबा गिरावट का दौर
यह लगातार आठवां कारोबारी दिन है जब दोनों प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। पिछले साढ़े तीन साल में पहली बार दोनों प्रमुख सूचकांकों में गिरावट का इतना लंबा दौर देखा गया है। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज को सर्वाधिक दो प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, टाइटन, एक्सिस बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयरों में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावरग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा मोटर्स और एचडीएफसी के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की और चीन के शंघाई कम्पोजिट में बढ़त रही जबकि हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोपीय बाजारों दोपहर के कारोबार में गिरावट में थे।
अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे
एक दिन पहले अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने और मुद्रास्फीति का जोर रहने से वैश्विक निवेशकों की शेयर बाजारों में दिलचस्पी घट रही है। उन्होंने कहा, भारत के लिए दोहरी मार यह है कि यहां का बाजार अब भी अन्य बाजारों की तुलना में महंगा है जिससे इसका प्रदर्शन कमतर नजर आ रहा है। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.67 प्रतिशत चढ़कर 83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इस बीच, विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से निकासी जारी रखी है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 2,022.52 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।