नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने बुधवार से निफ्टी नेक्स्ट 50 सूचकांक (Nifty Next 50 Index) पर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की शुरुआत कर दी है। इसे मार्केट पार्टिसिपेंट्स से अच्छा सपोर्ट मिला है। एनएसई ने एक बयान में कहा कि देशभर से 375 से अधिक कारोबारी सदस्यों ने इस इंडेक्स डेरिवेटिव में शिरकत की। पहले दिन फ्यूचर सेगमेंट में 78.16 करोड़ रुपये के 1,223 कॉन्ट्रैक्ट्स और ऑप्शन सेगमेंट में 1.55 करोड़ रुपये के प्रीमियम कारोबार वाले 1,724 कॉन्ट्रैक्ट्स दर्ज किए गए।
निफ्टी नेक्स्ट 50 क्या है?
शुरुआती कारोबार करने वाले सदस्यों में ईस्ट इंडिया सिक्योरिटीज लिमिटेड और सैमको सिक्योरिटीज लिमिटेड शामिल हैं। निफ्टी नेक्स्ट 50 सूचकांक एनएसई के मानक सूचकांक निफ्टी 50 के बाद की 50 बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। इस सूचकांक में शामिल कंपनियों को निफ्टी 50 सूची में शामिल होने का संभावित दावेदार माना जाता है। एनएसई के मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने कहा, "डेरिवेटिव उत्पाद इस लिहाज से अनूठे हैं कि अंतर्निहित सूचकांक में अन्य बाजार पूंजीकरण-आधारित व्यापक सूचकांकों के साथ कोई अतिव्यापन घटक नहीं होता है। यह सूचकांक जोखिम प्रबंधन के लिए एक अतिरिक्त साधन मुहैया कराएगा।" निफ्टी नेक्स्ट 50 सूचकांक फ्यूचर एंड ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट तीन क्रमिक मासिक कॉन्ट्रैक्ट के ट्रेडिंग सायकल के साथ उपलब्ध हैं।
महीने के आखिरी शुक्रवार को होती है एक्सपायरी
डेरिवेटिव का नकद निपटान किया जाता है और इन कॉन्ट्रैक्ट्स की समाप्ति महीने के आखिरी शुक्रवार को होती है। फिलहाल एनएसई ने अक्टूबर 2024 तक निफ्टी नेक्स्ट 50 डेरिवेटिव पर लेनदेन शुल्क छूट दी हुई है। बाजार की भाषा में डेरिवेटिव दो या दो से अधिक पक्षों के बीच वित्तीय अनुबंधों को दर्शाते हैं और उनका मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति या सूचकांक से निकाला जाता है।