शेयर बाजार की हालत पस्त है। लगातार गिरते बाजार ने निवेशकों को दबाव में ला दिया है। बीते 26 सितंबर 2024 से लेकर सेंसेक्स करीब 9486 से भी ज्यादा लुढ़क चुका है। इस दौरान निवेशकों के लाखों-लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। ऐसे में निवेशक क्या करें और क्या न करें, ये सबसे बड़ा सवाल दिमाग में तैर रहा है। ऐसे मौकों पर निवेशकों के लिए सबसे कठिन समय होता है। एक्सपर्ट ने आज की स्थिति को देखते हुए निवेशकों को खास सलाह दी है, जिस पर गौर करेंगे तो आप ज्यादा परेशान नहीं रहेंगे। आइए इस पर चर्चा करते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मार्केट एक्सपर्ट कुणाल सरावगी का कहना है कि मार्केट में अभी और करेक्शन देखने को मिल सकते हैं। निफ्टी 22,000-22,200 के लेवल तक जा सकता है। सेंसेक्स भी 1000 के आसपास और टूट सकता है। ऐसा डॉलर के लगातार मजबूत होने से हो रहा है। बाजार में आशंकाएं हैं। ऐसे में वैसे निवेशक जिन्होंने लंबी अवधि के लिए मार्केट में पैसे लगाए हैं, उन्हें इसमें बने रहने की सलाह है। अगर आपने शॉर्ट टर्म के लिए पैसे लगाए हैं तो वेट एंड वॉच की स्ट्रैटेजी लेकर चलें। हालांकि आप मामूली बिकवाली कर दूसरे स्टॉक्स में डाल सकते हैं।
सरावगी का कहना है कि डॉलर जबतक कमजोर नहीं होगा, बाजार पर दबाव बना रहेगा। अमेरिका में अगर डोनाल्ड ट्रम्प शपथ लेने के बाद टैरिफ पर बढ़ोतरी का ऐलान करते हैं तो अमेरिका में महंगाई और बढ़ेगी। उसका असर भी बाजार पर दिखेगा। घरेलू शेयर बाजार में देखें तो इस दबाव वाली स्थिति में भी आईटी, फार्मा, होटल्स और एफएमसीजी जैसी कंपनियों की स्थिति बेहतर लग रही है। इसके उलट मेटल, एनबीएफसी, सरकारी बैंक आदि लगातार कमजोर दिख रहे हैं। निवेशकों को फिलहाल इनसे अभी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
एफपीआई कर रहे जोरदार बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 22,194 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की संभावना, डॉलर में मजबूती और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में शुल्क युद्ध तेज होने की आशंका के बीच एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं। इससे पहले दिसंबर माह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था। भारतीय शेयर बाजारों में 2023 में मजबूत निवेश के बाद विदेशी निवेशकों ने 2024 में अपने निवेश को काफी हद तक कम कर दिया था, लेकिन 2025 में फिर इनके निकलने की आशंका है।