वीकली एक्सपायरी के दिन गुरुवार को शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली हावी रही। इसके चलते बीएसई सेंसेक्स 878.88 अंक टूटकर 61,799.03 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 245.40 अंक की बड़ी गिरावट के साथ 18,414.90 अंक पर बंद हुआ। इसके साथ ही निफ्टी ने अपना अहम सपोर्ट 18,5000 को तोड़ दिया। आपको बता दें कि बुधवार रात अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दर 0.50 फीसदी की वृद्धि की गई। फेड ने आगे भी बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। अमेरिका में ब्याज दरें 15 वर्षों के हाई पर पहुंच गई हैं। इसका बाजार के निवेशकों पर बुरा असर हुआ। इसके चलते बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली। सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में सिर्फ एनटीपीसी और सनफार्मा में तेजी रही। बाकी 28 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
निवेशकों के 3 लाख करोड़ डूबे
बाजार में बड़ी बिकवाली आने से निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। दरअसल, 14 दिसंबर को बंद होने पर बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.91 लाख करोड़ था जो 15 दिसंबर को बाजार बंद होने पर घटकर 2.88 लाख करोड़ रुपये रह गया। इस तरह झटके में निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।
आज गिरकर खुला था बाजार
वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख और आईटी शेयरों में गिरावट के बीच आज सेंसेक्स और निफ्टी में भी गिरावट हुई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 186.74 अंक गिरकर 62,491.
17 अंक पर खुला। व्यापक एनएसई निफ्टी 51.95 अंक टूटकर 18,608.35 अंक पर खुला था। सेंसेक्स में टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
निफ्टी और सेंसेक्स में टॉप गेनर और लूजर
इन कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट
सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा, टाइटन, इन्फोसिस, एचडीएफसी, आईटीसी, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और भारतीय स्टेट बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। केवल दो शेयर एनटीपीसी और सन फार्मा लाभ में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख ने बाजार को चौंकाया है क्योंकि निवेशक मुद्रास्फीति का आंकड़ा उम्मीद से बेहतर रहने से उदार रुख की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व के बयान के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका से घरेलू बाजार में आईटी शेयरों में बिकवाली ने निराशा का माहौल पैदा किया। बाजार को अब बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) और यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) के फैसलों की प्रतीक्षा है। ये दोनों भी नीतिगत दर आधा प्रतिशत बढ़ा सकते हैं।
आगे भी ब्याज में बढ़ोतरी के संकेत
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के अनुरूप प्रमुख नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की और साथ में यह भी संकेत दिया कि महंगाई को काबू में लाने के लिये आने वाले दिनों में ब्याज दर में और वृद्धि की जा सकती है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर को बढ़ाकर 4.25-4.50 प्रतिशत कर दिया है। यह 15 साल का उच्चस्तर है। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को नुकसान में रहे थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.77 प्रतिशत घटकर 82.06 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 372.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।