पिछले साल स्मॉल-मिडकैप स्टॉक ने निवेशकों को बंपर कमाई कराई है। इससे छोटे निवेशकों का रुझान स्मॉल-मिडकैप स्टॉक में तेजी से बढ़ा है। हालांकि, इसके साथ ही खतरा भी बढ़ गया है। स्मॉल-मिडकैप स्टॉक में बड़ी रैली आने से ज्यादातर शेयर ओवरवैल्यूड हो गए हैं। अब इसमें कभी भी बड़ी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि ओवरवैल्यूएशन की सीमा स्मॉलकैप में सबसे ज्यादा है, जबकि अब्सुलेट आधार पर मिडकैप इंडेक्स सबसे ज्यादा ओवरवैल्यूड है।
ओवरवैल्यूएशन के बाद आई है बड़ी गिरावट
इतिहास गबाह है कि जब भी स्मॉल कैप और मिड कैप स्टॉक ओवरवैल्यूड हुए हैं तो बड़ी गिरावट आई है। रिपोर्ट में कहा गया है, ओवरवैल्यूएशन का यह स्तर पिछले 20 वर्षों में केवल कुछ ही बार देखा गया है (2007 में जब निफ्टी घटकों का 75 प्रतिशत इतिहास के सापेक्ष अधिक मूल्यांकित था) और वित्तवर्ष 2015-17 में कुछ हद तक मिडकैप घटकों का 44 प्रतिशत और वित्तवर्ष 21-22 मिडकैप घटकों का 46 प्रतिशत (ओवरवैल्यूड) था। इसके बाद वित्तवर्ष 2007 में सभी सूचकांकों में 2008 में भारी गिरावट आई थी और ओवरवैल्यूएशन ठीक हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि पिछले दशक में मिड और स्मॉलकैप सूचकांकों में ओवरवैल्यूएशन के इस स्तर के परिणामस्वरूप अगले 1-2 वर्षों में सूचकांक में तेज सुधार नहीं हुआ है, लेकिन यह निश्चित रूप से अगले कुछ वर्षों में मंद/मामूली रिटर्न और रैली की ओर ले जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका आधार कम व्यापक होता जा रहा है। इस रैली का एक और पहलू यह है कि यह बहुत व्यापक है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि प्रत्येक सूचकांक में 70 प्रतिशत स्टॉक अपने दीर्घकालिक (12 वर्ष) औसत मूल्यांकन से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
भारतीय मार्केट का वैल्यूएशन पीक पर
पिछले साल के दौरान प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने क्रमश: 22 फीसदी, 56 फीसदी और 66 फीसदी का रिटर्न दिया है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि उपरोक्त तीनों सूचकांक समग्र स्तर पर अत्यधिक मूल्यांकित (ओवरवैल्यूड) प्रतीत होते हैं, जो यहां से भविष्य के रिटर्न के लिए बॉटम-अप स्टॉक चुनने की वकालत करते हैं, क्योंकि गुणकों के आगे विस्तार की संभावना नहीं है। इस रैली का एक और पहलू यह है कि यह बहुत व्यापक है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि प्रत्येक सूचकांक में 70 प्रतिशत स्टॉक अपने दीर्घकालिक (12 वर्ष) औसत मूल्यांकन से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
इनपुट: आईएएनएस