Indian Market US Fed: बुधवार देर रात अपने फैसले में यूएस फेड ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी करने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही ब्याज दर बढ़कर 5.25% से 5.5% हो गया है। अमेरिका में बढ़ रही महंगाई पर काबू करने के लिए यूएस फेड ने लगातार 11वीं बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इसके चलते ब्याज दर 2001 के बाद रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के इस फैसले का असर आज दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिल सकता है। फेड के फैसले के बाद डाउ जोंस में भी हलचल देखने को मिली। आइए जानते हैं कि फेड के इस फैसले का भारतीय बाजार पर क्या असर हो सकते हैं।
भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का कितना खतरा?
आमतौर पर जब भी फेड ब्याज दर में बढ़ोतरी करता है तो विदेशी निवेशक अपना पैसा भारत समेत अन्य देश से निकालकर अमेरिका में लगाते हैं। इससे घरेलू मार्केट में बिकवाली देखने को मिलती है। सामान्य तौर पर भारत में भी आज बिकवाली देखने को मिलनी चाहिए, लेकिन कल अपने फैसले में फेड ने जो बात कही वह विदेशी निवेशकों के लिए अमेरिका में एक नाउम्मीदी दिखाती है। IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि देर रात अपने फैसले में अमेरिकी बैंक ने कहा था कि आगे वह ब्याज दर में कटौती कर सकता है। इससे भविष्य में विदेशी निवेशकों को अधिक रिटर्न मिलने की उम्मीद कम हो गई है। ऐसे में FIIs भारत में पैसा निवेश कर सकते हैं। इस समय भारतीय बाजार में विदेशी निवेश बढ़ने के चलते रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। उन्होंने ये भी कहा कि आज एक नया हाई देखने को भी मिल सकता है।
डॉलर के मुकाबले रुपया नहीं होगा कमजोर
फेड के इस फैसले से डॉलर को मजबूती मिलती लेकिन आगे ब्याज दर में बदलाव ना करने के फैसले ने डॉलर को रुपये के मुकाबले अधिक मजबूत होने के राह में रोड़ा पैदा कर दिया है। कल भी डॉलर रुपये के मुकाबले कमजोर हुआ था। सिर्फ इस महीने की बात करें तो रुपये के मुकाबले डॉलर 82.77 के उच्चतम स्तर से 81.96 पर आ गया है।
RBI लेगा राहत की सांस
फेड द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से आरबीआई (RBI) पर भी रेपो रेट (Repo Rate) में वृद्धि करने का दबाव बनता है, लेकिन जैसा कि हमने शुरू में बताया कि आगे फेड में ब्याज दर बढ़ाना जारी ना रखने के फैसले ने RBI को ब्याज दर बढ़ाने पर सोचने को मजबूर नहीं होने देगा। इससे अमेरिका और भारत के बॉन्ड के बीच अंतर भी कम नहीं होगा। इससे विदेशी निवेशक भारतीय सरकारी प्रतिभूतियों से पैसा भी नहीं निकालेंगे। बल्कि और पैसा निवेश भी करेंगे।
क्या भारत में महंगाई बढ़ेगी?
भारत में फेड के इस फैसले से महंगाई बढ़ने की संभावना नहीं है क्योंकि वैश्विक मंदी की आशंका के चलते कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट आई है। वहीं, रुपया एक जोन में ट्रेड कर रहा है। ऐसे में फेड के इस फैसले से भारत में महंगाई बढ़ने की संभावना नहीं है।