Share Market: शेयर बाजार टाइमिंग का खेल है। सही समय पर जिसने एंट्री की वो शेर, वर्ना हो जाता है ढेर। जानकारों के मुताबिक, अगले 25 साल भारत के होने वाले हैं। अब ऐसे में आंखें बंद कर कोई भी शेयर न खरीद लें। वैसे आपको सलाह देने वाले बहुत लोग मिल जाएंगे जो कहेंगे भाई फलां-फलां शेयर ले लो। उसके पीछे वो तर्क देंगे कि जिस कंपनी के प्रोडक्ट का इस्तेमाल लोग पुराने जमाने से करते आ रहे हैं, जिसे हमने बचपन से अभी तक देखा है और आगे भी देखते रहने की पूरी गुंजाइश है। ऐसे में कंपनी का शेयर खरीद सकते हैं और अगले 10 साल बाद देखना, क्या जबरदस्त फायदा होगा। तो जनाब मैं वैसे लोगों को ये कहना चाहूंगा कि कंपनियों के चुनाव में उनका तर्क तो ठीक है(वैसे लोगों के लिए ये तरीका ठीक है जिनके पास स्टॉक सलेक्शन के लिए ज्यादा समय नहीं है) लेकिन एंट्री का टाइम कब हो ये बहुत Important है। इसी में लोग मार खा जाते हैं और उनके पैसे सालों साल के लिए फंस जाते हैं।
बैंकिंग सेक्टर में कौन सा शेयर सस्ता हुआ और कौन महंगा?
आपको एक उदाहरण से समझाता हूं। SBI का नाम कौन नहीं जानता। बैंकिंग सेक्टर की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी। उसके ब्रांच कहां नहीं हैं। लेकिन वैसे लोग जिन्होंने दिसंबर 2007 में इस शेयर में एंट्री की थी वो अगले 13 साल में एक नया पैसा भी नहीं बना पाए। क्योंकि दिसंबर 2007 में ये शेयर अपने All Time High पर था। और जिस किसी निवेशक ने SBI के इस ऑल टाइम हाई वैल्यूएशन पर शेयर खरीदे वो अगले 13 साल यानी नवंबर 2020 तक फंसे रहे। कोरोना के बाद की रैली में इस शेयर में जबरदस्त तेजी देखी गई। महज ढाई साल में ही इस शेयर ने करीब 300% का रिटर्न दिया। मई 2020 से नवंबर 2022 तक SBI का शेयर रॉकेट हो गया। अब इस बीच जिसने भी SBI के शेयर लिए होंगे उसके पैसे 4 गुने से अधिक हो गए होंगे। लेकिन किसे पता था कि 18 मई 2020 के दिन SBI अपना बॉटम टच करेगा, यानी करीब 4 साल पहले के अपने निचले स्तर को छूकर ऊपर की तरफ रफ्तार पकड़ लेगा? ये वाकई किसी को नहीं पता था। केवल इसी शेयर की बात नहीं है। हर सेक्टर का शेयर कोरोना के पीरियड में औंधे मूंह गिरा पड़ा था। बैंकिंग सेक्टर का भी यही हाल था। HDFC और ICICI का भी। लेकिन आज SBI की बात क्यों कर रहा हूं। वो इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि SBI का Current price फिलहाल इसके Intrinsic Value से कम है। ये स्थिति अभी HDFC और ICICI के साथ फिलहाल नहीं है। इसलिए SBI का शेयर आपके टारगेट पर होना चाहिए। और हर अच्छी गिरावट पर इसे आपको धीरे-धीरे करके खरीदना चाहिए। इसकी एक और वजह है। इसे नीचे समझते हैं।
यहां जानें कैसे दांव लगाना फायदेमंद?
SBI का PE Ratio फिलहाल 11 के करीब है। जो अपने सेक्टर के PE से 10 कम है। PE Ratio का मतलब Price Upon Earning से है। यानी सरल भाषा में समझें तो उस शेयर से 1 रुपये कमाने के लिए निवेशक को कितने रुपये लगाने पड़ते हैं। ये Ratio यही बताता है। PE Ratio 20 या उससे कम रहे तो शेयर सस्ता माना जाता है, खरीदने के रेंज में माना जाता है(हालांकि हर कंपनी पर ये बात लागू नहीं होती) चूंकि यहां SBI का PE 11 है इसका मतलब इस शेयर से 1 रुपये कमाने के लिए आपको 11 रुपये लगाने पड़ेंगे। वहीं HDFC का PE 20 के करीब है और ICICI का 19 के करीब है। वैसे कंपनी को परखने के पैमाने तो और भी बहुत सारे हैं जैसे कंपनी का PB Ratio, कंपनी के ऊपर कितना कर्ज है, EBITDA वगैरह-वगैरह, लेकिन जो सबसे पहले देखना है वो है Intrinsic Value यही वैन्यू बताती है कि कंपनी अभी सस्ते भाव पर मिल रही है या फिर अभी महंगी है।
शेयर में एंट्री का कौन सा समय बेहतर ?
अब मान लीजिए कि कंपनी सारे मापदंड पर खरी उतर रही है। उसका PB Ratio काफी कम है, कर्ज भी न के बराबर है और Earning par Share भी काफी अच्छा है लेकिन अगर उस कंपनी का वैल्यूएशन महंगा है तो क्या आप उसे खरीदेंगे? नहीं ना..आप उसके सही वैल्यूएशन का इंतजार करेंगे। और जब वाकई कंपनी सस्ते भाव पर मिल रही होगी तभी तो आप खरीदेंगे। जैसा कि मैंने ऊपर के उदाहरण में बताया था कि जिन लोगों ने SBI में आंखें मूंदकर दिसंबर 2007 में पैसे इन्वेस्ट किए उनके पैसे 13 साल तक नहीं बढ़े। जस के तस पड़े रहे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस समय SBI की Intrinsic Value काफी हाई थी। यानी शेयर काफी महंगा था। लेकिन चूंकि उस समय SBI का शेयर अपने Life time high पर था। जिन लोगों ने ऊपर के वैल्यूएशन में उस वक्त SBI के शेयर खरीदे वो अगले 13 साल तक माथा पीटते रहे। और फिर कोरोना के बाद शेयरों में आई रैली के बाद उन्हें फायदा होना शुरू हुआ होगा। इनमें से कई ऐसे लोग होंगे जो घाटे में शेयर बेचकर निकल गए होंगे, और कई लोगों ने शेयर अभी भी होल्ड किया होगा। जिनके पैसे अब जाकर डबल होने के करीब पहुंचे होंगे।
शेयर मार्केट में हीरो बनने की कोशिश न करें?
सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप ज्यादा कहीं अपने हाथ-पैर नहीं मारें। शेयर मार्केट में बहुत सारे धुरंधर खिलाड़ी बैठे हैं, जिन्हें फायदा तभी होता है जब किसी को नुकसान होता है। तो आप नुकसान से खुद अपने आप को ही बचा सकते हैं, कोई दूसरा नहीं आएगा। जबतक ज्यादा जानकारी न हो तबतक निफ्टी-50 में लिस्टेड 50 बिग कैप कंपनी में ही लॉन्ग टर्म के लिए पैसे लगाएं। लेकिन ये देखकर पैसे लगाएं कि वो सस्ती हुई या नहीं। और इसे देखने के लिए आप उसकी Intrinsic Value को चेक करें, यही पहली सीढ़ी है और तभी इन्वेस्ट करें। ऐसे किसी के कहने पर अपनी गाढ़ी कमाई को कहीं भी न लगा दें। रही बात बैंकिंग शेयर की दिग्गज कंपनियों HDFC और ICICI की, तो दोनों कंपनियों में नो डाउट काफी पोटैंशियल है। लेकिन उनका Current Price अभी भी उनकी Intrinsic Value से ज्यादा है तो फिलहाल अभी इन दोनों दिग्गज कंपनियों के और गिरने का इंतजार करें और सही समय आने पर ही मौके पर चौका लगाएं।