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क्या शेयर मार्केट को तहस-नहस करने को आतुर विदेशी निवेशक? 25 जनवरी तक बेच डाले इतने हजार करोड़ के स्टॉक

अमेरिका में बढ़ती बांड पैदावार चिंता का विषय है और इससे नकदी बाजार में बिकवाली का हालिया दौर शुरू हो गया है। वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी फेड की धुरी से शुरू हुई, जिसमें 10 साल की बॉन्ड यील्ड 5 प्रत‍िशत से गिरकर लगभग 3.8 प्रत‍िशत हो गई।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: January 27, 2024 15:35 IST
FPI- India TV Paisa
Photo:FILE विदेशी निवेशक

क्या एक बार फिर विदेशी निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजार को तहस-नहस करने को आतुर दिख रहे हैं? ऐसा इसलिए कि जनवरी महीने में अब तक एफपीआई ने रिकॉर्ड बिकवाली की है। आपको बता दें कि 25 जनवरी तक विदेशी निवेशकों ने 27,664 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं। वो तो भला हो देश के छोटे निवेशकों का जो बाजार में बड़ी गिरावट आने नहीं दे रहे हैं। वो इस बिकवाली के बीच जबरदस्त तरीके से खरीदारी कर रहे हैं। अगर वो खरीदारी नहीं करते तो बाजार में बड़ी गिरावट आ चुकी होती। 

एफपीआई ने इन सेक्टर में बिकवाली की 

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई नकदी बाजार में विक्रेता बने हुए हैं और उन्होंने 25 जनवरी तक 27,664 करोड़ रुपये की इक्विटी बेच दी है। एफपीआई ऑटो और ऑटो सहायक, मीडिया और मनोरंजन व मामूली रूप से आईटी में बिकवाली की है। उन्होंने कहा, उन्होंने तेल और गैस, बिजली और चुनिंदा वित्तीय सेवाएं खरीदीं।

इस कारण भारतीय बाजार से निकाल रहे पैसा

अमेरिका में बढ़ती बांड पैदावार चिंता का विषय है और इससे नकदी बाजार में बिकवाली का हालिया दौर शुरू हो गया है। वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी फेड की धुरी से शुरू हुई, जिसमें 10 साल की बॉन्ड यील्ड 5 प्रत‍िशत से गिरकर लगभग 3.8 प्रत‍िशत हो गई। उन्होंने कहा, अब 10-वर्ष 4.18 प्रत‍िशत पर वापस आ गया है जो इंगित करता है कि फेड दर में कटौती केवल 2024 की दूसरी छमाही में होगी।

ईटीएफ में तेजी से बढ़ा निवेश

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूचीबद्ध फंडों में 2 बिलियन डॉलर का प्रवाह देखा गया, जो पूरी तरह से ईटीएफ में निवेश के कारण था। भारत-समर्पित फंडों में 3.1 बिलियन डॉलर का प्रवाह देखा गया, जो 2 बिलियन डॉलर ईटीएफ में निवेश और 1.1 बिलियन डॉलर गैर-ईटीएफ प्रवाह में विभाजित है, जबकि जीईएम फंडों में 247 मिलियन डॉलर का बहिर्वाह देखा गया, जिसके नेतृत्व में 337 मिलियन गैर-ईटीएफ प्रवाह, 90 मिलियन डॉलर की भरपाई हुई।

कहां बिकवाली और कहां खरीदारी

सूचीबद्ध उभरते बाज़ार फंड प्रवाह मिश्रित थे। दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और ताइवान में क्रमशः 3 बिलियन डॉलर, 262 मिलियन डॉलर और 76 मिलियन डॉलर का की बिकवाली देखी गई। चीन, भारत और ब्राज़ील में क्रमशः 10.8 बिलियन डॉलर, 2 बिलियन डॉलर और 186 मिलियन डॉलर का निवेश देखा गया। कुल एफपीआई और ईपीएफआर गतिविधि ने इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और ताइवान के लिए अलग-अलग रुझान दिखाए।

इनपुटः आईएएनएस

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