कोरोना महामारी के बाद शेयर बाजार निवेशक तेजी से बढ़े थे लेकिन अब उसी अनुपात में भी घट भी रहें हैं। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि पिछले 9 महीनों में 53 लाख शेयर बाजार निवेशकों ने बाजार को बाॅय-बाॅय बोल दिया है। आपको बता दें कि एनएसई पर सक्रिय ग्राहकों की संख्या मार्च में लगातार नौवें महीने घटकर 3.27 करोड़ हो गई। यानी जून 2022 में 3.8 करोड़ निवेशकों से 53 लाख की गिरावट आई। इसकी वजह पिछले करीब दो सालों बाजार की सुस्त चाल और निवेशकों को मिला नकारात्मक रिटर्न है। इसके साथ ही बाजार के जानकारों का कहना है कि वर्क फ्राॅम होम खत्म होने का असर भी बाजार पर हुआ है। युवा निवेशक कोरोना के बाद तेजी से बढ़े थे। वो वर्क फ्राॅम होम में काम के साथ ट्रेडिंग भी कर रहे थे लेकिन अब ऑफिस खुल जाने के बाद उनके पास यह विकल्प नहीं बचा है। इसलिए वो अपने डीमैट खाते को बंद कर रहे हैं। इसके चलते बाजार निवेशकों की संख्या में गिरावट आई है।
बाजार से पैसा कमाना हुआ मुश्किल
बाजार के जानकारों का कहना है कि कोविड और लॉकडाउन के दौरान वर्क-फ्रॉम-होम ने युवाओं के बीच ट्रेडिंग को फैशनेबल बना दिया था। वो आसानी से घर बैठे अपनी बाॅस की नजरों से दूर ट्रेडिंग कर सकते थे। वहीं, कोरोना के बाद बाजार में एकतरफा रैली आई और कई नए युवा जो बाजार में एंट्री ही किए थे मोटा पैसा बना ले गए। उनको लगने लगा कि बाजार से पैसा कमाना बहुत ही आसान है लेकिन पिछले दो सालों से अब ऐसा नहीं हो रहा है। इसके चलते वो बाजार से दूरी बना रहें हैं।