Stock Market: भारतीय बाजार के लिए 'मनहूस' रहा हफ्ता, जानिए दूसरे देशों कितना बेहतर रहा भारत
बाजार | 17 Jun 2022, 5:54 PMखराब वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की द्वारा धड़ाधड़ बिकवाली की वजह से पांच दिनों के कारोबार में निफ्टी 5.8 फीसदी टूट गया।
खराब वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की द्वारा धड़ाधड़ बिकवाली की वजह से पांच दिनों के कारोबार में निफ्टी 5.8 फीसदी टूट गया।
गुरुवार को सेंसेक्स 1,045 अंक या 1.9 प्रतिशत गिरकर 51,570 पर और निफ्टी50 300 अंक से अधिक गिरकर 15,386 पर बंद हुआ।
गुरुवार को भी निफ्टी अहम स्तर को तोड़ते हुए 15300 पर बंद हुआ है। आईटी, एनर्जी, आटो इंडेक्स 2 प्रतिशत टूटे हैं, वहीं मैटल और रियल्टी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
बाजार में एक हफ्ते के भीतर दूसरी बड़ी गिरावट मंदी की खाई और गहरी होने के संकेत दे रहे हैं।
निवेशकों में आज शुरुआत से ही पॉजिटिव सेंटिमेंट दिखा और उन्होंने जमकर खरीदारी की। इस दौरान रिलायंस और मारुति जैसे हैवीवेट शेयरों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर, विप्रो, टेक महिंद्रा और पावरग्रिड के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट रही।
भारतीय बाजार में गिरावट की एक कड़ी दूसरे एशियाई बाजारों से भी जुड़ी है। एशिया के सियोल और टोक्यो में बाजार मंदी के साथ कारोबार कर रहे थे
बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों के 6 लाख करोड़ डूब गए। दरअसल, जब शुक्रवार को बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 2,51,94,519.26 करोड़ रुपये था जो अब घटकर 2,45,31,646.22 करोड़ रुपेय रह गया।
एनएसई ने कंपनी के शेयरों में तेजी को देखते हुए कोहिनूर फूड्स से स्पष्टीकरण की मांग की। कंपनी ने 19 अप्रैल को स्पष्टीकरण दिया कि शेयरों में तेजी बाजार संचालित है और कंपनी के प्रबंधन का इससे कोई संबंध नहीं है।
भारतीय जीवन बीमा निगम का शेयर अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। एलआईसी की गिरती साख से जहां आम निवेशक परेशान है।
महंगाई की चिंता से वैश्विक बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखने को मिल रही है। अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली आई है।
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस के बाजार मूल्यांकन में सामूहिक रूप से 45,746.13 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर घटनाक्रमों से चिंतित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, इस सप्ताह आने वाले आंकड़ों और महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की वजह से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है।
कारोबारियों के अनुसार, रुपये की विनिमय दर में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी का भी बाजार के सेंटिमेंट पर असर पड़ा।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर निवेशकों के सतर्क रुख अख्तियार करने से घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट देखने को मिल रही है।
बाजार में गिरावट के बावजूद कई स्मॉल कैप स्टॉक निवेशकों को शानदार रिटर्न देने का काम कर रहे हैं।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि एलआईसी के कमजोर तिमाही नतीजे के बाद शेयर में बिकवाली है।
बीएसई सेंसेक्स 616.85 अंक गिरकर 55,058.47 पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर व्यापक एनएसई निफ्टी 176.50 अंक गिरकर 16,393.05 पर आ गया।
बीएसई सेंसेक्स 279.62 अंक गिरकर 55,489.61 अंक पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एनएसई निफ्टी 70.25 अंक गिरकर 16,514.05 अंक पर आ गया है।
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