नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजारों के लिए सोमवार 2019 का सबसे खराब दिन रहा। अमेरिका द्वारा ईरान से कच्चा तेल आयात करने के लिए भारत समेत आठ देशों को मिली छूट को खत्म करने की आशंका से बाजारों में भारी बिकवाली का दौर चला। इस खबर की वजह से रुपए पर दबाव आया और डॉलर के आगे वह कमजोर हो गया, जिसके वजह से विदेशी निवेशक सतर्क हो गए। इस वजह से आज बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 495.10 अंक टूटकर 38,645.18 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 158.35 अंक की गिरावट के साथ 11,594.45 अंक पर बंद हुआ।
सोमवार के कारोबार में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 2.71 प्रतिशत टूटकर 1344.80 रुपए पर आ गया। बीएसई पर एडवांस-डेकलाइन अनुपात लगभग 1:2 है, जिसका मतलब है कि प्रत्येक बढ़त दर्ज करने वाले शेयर के बदले दो शेयरों में गिरावट आई है।
क्रूड ऑयल में आया उबाल
अमेरिका द्वारा ईरान से तेल आयात पर 2 मई से प्रतिबंध लगाने की खबरों के बीच सोमवार को कारोबार के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में 3 प्रतिशत से अधिक का उछाल आ गया। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 3.3 प्रतिशत उछलकर पांच माह के उच्चतम स्तर 74.31 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
कमजोर रुपया
क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल आने से डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे कमजोर होकर 69.59 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। कमजोर रुपए ने विदेशी निवेशकों के लिए घरेलू शेयर बाजारों में रिटर्न को कम कर दिया, जिसकी वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बिकवाली की। संस्थागत निवेशकों ने इस महीने अबतक 15,300 करोड़ रुपए की खरीदारी की है।
आर्थिक चिंता
इस साल कच्चा तेल अब तक 35 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। भारत अपनी तेल मांग का 81 से 83 प्रतिशत हिस्सा आयात से पूरा करता है। इससे भारत के राजकोषीय घाटे और चालू खाता घाटा के आगे चुनौती खड़ी होने की आशंका है। 70 डॉलर प्रति बैरल तक तो चालू खाता घाटा को संभाला जा सकता है लेकिन इससे अधिक कीमत बढ़ने पर संभालना मुश्किल होगा।
एफएंडओ एक्सपायरी
यह हफ्ता एफएंडओ की एक्सपायरी का है। पिछले हफ्ते केवल तीन कारोबारी दिन थे। वर्तमान गिरावट का एक कारण आंशिक रूप से एफएंडओ गतिविधि भी हो सकता है।
बाजार पर एक नजर
सेंसेक्स में यस बैंक 6.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे ज्यादा गिरावट वाला शेयर रहा, इसके बाद इंडसइंड बैंक, आरआईएल, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैक रहे। भारती एयरटेल और टीसीएस व इंफोसिस हरे निशान में बंद हुए। बेंचमार्क सेंसेक्स के मिडकैप और स्मॉलकैप में सबसे ज्यादा बिकवाली हुई। बीएसई मिडकैप 1.53 प्रतिशत और बीएसई स्मॉलकैप 1.44 प्रतिशत कमजोर हुआ। बीएसई के 10 सेक्टर में से 17 लाल निशान में बंद हुए। बीएसई ऑयल एंड गैस में सबसे ज्यादा गिरावट रही। केवल आईटी और टेक हरे निशान में बंद हुए।