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इस दिवाली फीकी रहेगी सोने की चमक, नोटबंदी और GST का असर: WGC

WGC को लगता है कि वस्तु व सेवा कर (GST), नोटबंदी और धनशोधन रोधी (AML) कानून के प्रभाव में आने से इस बार दिवाली पर सोने की चमक फीकी रहेगी

Manoj Kumar @kumarman145
Published : September 25, 2017 11:56 IST
इस दिवाली फीकी रहेगी सोने की चमक, नोटबंदी और GST का असर: WGC
इस दिवाली फीकी रहेगी सोने की चमक, नोटबंदी और GST का असर: WGC

नई दिल्ली। विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमासुंदराम पी.आर. को लगता है कि वस्तु व सेवा कर (GST), नोटबंदी और धनशोधन रोधी (AML) कानून के प्रभाव में आने से इस बार दिवाली पर सोने की चमक फीकी रहेगी। सोमासुंदरम ने एक साक्षात्कार में कहा, “इस बार दिवाली की अपनी चुनौतियां हैं, लेकिन मैं अब भी आशावादी हूं, क्योंकि सब कुछ ठीक हो गया है। यह एएमएल का हिस्सा है, जो शायद इस समय लोगों को परेशान कर रहा है। इसके कारण धनतेरस पर खरीदारी से ज्यादा शादी की खरीदारी अधिक प्रभावित होगी।”

उन्होंने कहा, “मुझे अभी भी लगता है कि प्रशासन को ढेर सारी समस्याएं होंगी, लेकिन उपभोक्ता को उतनी नहीं होगी। संगठित क्षेत्र में अच्छी तेजी है। हालांकि, नोटबंदी और AML निश्चित रूप से प्रभावित कर रहे हैं।” सरकार ने रत्न और आभूषण उद्योग को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के दायरे में शामिल किया है, जिसके कारण अनुपालन की जरूरतें बढ़ गई हैं। पहली जुलाई को पूरे देश में लागू हुई नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली (GST) में सोने को तीन प्रतिशत कर स्लैब में रखा गया है। सोमसुंदरम ने कहा, “पहली छमाही (जनवरी-जून) में आयात 532 टन था, जबकि मांग अभी भी 298 टन थी। दरअसल, GST से पहले लोग जितना ज्यादा आयात कर सकते थे, उतना किए, लेकिन उस हिसाब से मांग नहीं बढ़ी।” वर्तमान में, 22 कैरेट सोने की कीमत लगभग 29,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

WGC ने इसके पहले एक रपट में कहा था, “हम देख रहे हैं कि जीएसटी के बाद उपभोक्ता व्यवहार बदल रहा है। हमारे 26 सालों के आंकड़ों के आर्थिक विश्लेषण से पता चला है कि उच्च कर सोने की मांग को घटाती है। बल्कि कर ऐसा हो जो उपभोक्ता के लाभ के लिए उद्योग को बदले।” WGC के आकड़े ने हाल ही में दिखाया था कि 2017 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत में सोने की मांग 167.4 टन थी, जो 2016 की दूसरी तिमाही की 122.1 टन मांग की तुलना में 37 फीसदी अधिक है।

भारत में कुल आभूषण की मांग 2017 की दूसरी तिमाही में 126.7 टन थी, जो 2016 की दूसरी तिमाही की 89.8 टन मांग के मुकाबले 41 प्रतिशत अधिक है। आभूषणों की मांग का मूल्य 33,000 करोड़ रुपये था, जो 2016 की दूसरी तिमाही के 24,350 करोड़ रुपये से 36 प्रतिशत अधिक है। WGC ने इस कैलेंडर वर्ष के लिए भारत की पीली धातु की मांग 650 टन से 750 टन के बीच रखी है।

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