नई दिल्ली। अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (फेड) ने दिसंबर 2016 के बाद फिर से ब्याज दरें बढ़ा दी है। बुधवार को फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अब अमेरिका में ब्याज दरें बढ़कर 0.75 से 1 फीसदी हो गई है। हालांकि, इस खबर के बाद दुनियाभर के शेयर बाजार और करेंसी बाजार में तेजी का माहौल देखने को मिल रहा है, क्योंकि ब्याज दरें बढ़ने का अनुमान बाजार पहले से ही लगा रहा था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का अब संकेत यह है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था अब बेहतर हो रही है। जो, कि ग्लोबल बाजारों के लिए एक अच्छा संकेत है।
क्यों बढ़ाई ब्याज दरें
- अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की चेयरमैन जेनेट येलेन ने कहा है आम लोगों को इस निर्णय को समझने में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था अच्छा परफॉर्म कर रही है। इसीलिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है।
- 2008 की आर्थिक मंदी के बाद लगातार हमारी इकोनॉमी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। अब तक 1.60 करोड़ जॉब क्रिएट हो चुकी है। हम उम्मीद करते है कि आगे भी देश की इकोनॉमी और बेहतर प्रदर्शन करेगी।
दिसंबर 2016 के बाद बढ़ी दरें
- अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने करीब 10 साल बाद दिसंबर 2015 में बॉन्ड खरीदारी प्रोग्राम को बंद कर ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लिया था। आपको बता दें कि साल 2008 के बाद अमेरिका में अब तक तीन बार ब्याज दरें बढ़ी है। पिछले तीन महीने में फेडरल रिजर्व ने दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।
- डिस्काउंट रेंज में भी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। डिस्काउंट रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 1.50 फीसदी किया गया है।
- साथ ही, साल 2018 का जीडीपी अनुमान भी बढ़ा दिया है। वहीं 2017, 2019 के जीडीपी अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
घरेलू शेयर बाजार पर क्या होगा असर
- एचडीएफसी सिक्युरिटी के हेड वी के शर्मा के मुताबिक यदि यूएस फेड की ओर से ब्याज दरों में 0.25 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होती तोर घरेलू बाजारों के लिए चिंता की बात हो सकती थी।
- साथ ही, फेड की ओर से इस साल मौजूदा बढ़ोतरी के बाद सिर्फ 2 बार और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं। लिहाजा घरेलू शेयर बाजार में तेजी जारी रहने की उम्मीद है।
- वी के शर्मा का मानना है कि निफ्टी में 9125 के ऊपर जाकर ठहराव आता है तो अच्छी तेजी मुमकिन हो सकती है। बाजार की तेजी में लार्जकैप शेयरों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा रहेगा।
2017 में 2 बार और दरें बढ़ने की उम्मीद
- नीति बनाने वाली फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने मुख्य फेडरल दरों में 0 . 75 से 1 फीसदी तक बढ़ोतरी का सर्वसम्मति से निर्णय किया लेकिन इसने कहा कि अर्थव्यवस्था धीरे धीरे आगे बढ़ेगी। साथ ही साल 2017 में दरों में इसके बाद दो बार और बढ़ोतरी के संकेत भी दिए हैं।
अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का अब भारत पर होगा पॉजिटिव असर
- हीलियस कैपिटल के समीर अरोड़ा ने एक बिजनेस चैनल को दिए इंटरव्यु में कहा है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी से घरेलू बाजारों पर कोई खास असर नहीं होगा।
- साथ ही, ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ये भी संकेत होगा कि अमेरिका में इकोनॉमी बेहतर कर रही है, जो ग्लोबल बाजारों के लिए एक अच्छा संकेत है।
- समीर अरोड़ा का मानना है कि लंबी अवधि के लिहाज से प्राइवेट सेक्टर बैंक, एनबीएफसी, इंश्योरेंस और बेवरेजेज कंपनियों के शेयरों में पैसे लगाकर अच्छी कमाई की जा सकती है।
- वहीं, समीर अरोड़ा का कहना है कि आईटी सेक्टर पर दबाव देखने को मिल सकता है।