नई दिल्ली। स्टॉक मार्केट में गुरुवार को गिरावट का नया इतिहास लिखा गया है। कारोबार के दौरान अंकों के आधार पर बाजार की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। अंको के आधार पर सेंसेक्स में आज इंट्रा डे कारोबार में भी सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। गिरावट की वजह कोरोनावायरस का कहर है। बाजारों के लिए कोरोना कितना खतरनाक साबित हो रहा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि टॉप 5 गिरावट में से 3 के लिए कोरोनावायरस का डर जिम्मेदार है। ये हैं मार्केट की 5 सबसे बड़ी गिरावट
1) 12 मार्च 2020
घरेलू स्टॉक मार्केट में 12 मार्च को रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली है। सत्र में सेंसेक्स अंकों के आधार पर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ है। वहीं प्रतिशत के हिसाब से साल 2008 के बाद बाजार में सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट दर्ज हुई है। आज के कारोबार में सेंसेक्स 2919 अंक की गिरावट के साथ 32778 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 868 अंक की गिरावट के साथ 9590 के स्तर पर बंद हुआ है। दोनो ही इंडेक्स में करीब 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।
2) 9 मार्च 2020
इससे पहले पिछले हफ्ते भी मार्केट में कोरोनावायरस की दहशत देखने को मिली थी। वायरस के बढ़ते असर की वजह से सेंसेक्स 1942 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था। ये सेंसेक्स की अब तक की अंको के आधार पर दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं निफ्टी में 500 अंक से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी। कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 2500 अंक तक टूट गया था।
3) 24 अगस्त 2015
साल 2015 में चीन में आर्थिक मंदी की आशंका से घरेलू बाजारों में उस समय तक की सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट दर्ज हुई थी। चीन के स्टॉक मार्केट इस दिन 8 फीसदी तक टूटे थे। वहीं सेंसेक्स 1625 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 1700 अंक से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं निफ्टी 491 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ है।
4) 28 फरवरी 2020
कोरोनावायरस का स्टॉक मार्केट पर असर जनवरी अंत से देखने को मिला था। हालांकि बाजार को पहला बड़ा झटका 28 फरवरी को ही लगा। 28 फरवरी को सेंसेक्स 1450 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1526 अंक की अधिकतम गिरावट देखने को मिली थी। वहीं निफ्टी 414 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था। इसी दौरान बीएसई का कुल मार्केट कैप 150 लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया।
5) 21 जनवरी 2008
साल 2008 में मंदी का असर पूरी दुनिया के बाजारों में देखने को मिला था। 21 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 1408 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था। कारोबार के दौरान इंडेक्स 2062 अंक तक गिरा था। गिरावट इतनी तेज थी कि पहले घंटे के बाद कारोबार कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था। वहीं निफ्टी में 496 अंक की गिरावट दर्ज हुई थी।