नई दिल्ली। इस साल की जनवरी-मार्च तिमाही में BSE-500 में शामिल 30 कंपनियों के प्रमोटर्स की गिरवी रखी गई हिस्सेदारी में बड़ा इजाफा हुआ है। इस दौरान ग्रेनुअल्स, KPIT टेक, जेबीएफ इंडस्ट्रीज, एडवांस एन्जाइम, सिंटेक्स इंडस्ट्रीज, रिलायंस कम्यूनिकेशंस के प्रमोटर्स की गिरवी हिस्सेदारी 50 फीसदी तक बढ़ गई है। इसलिए पिछले एक महीने में इन कंपनियों के शेयरों में 40 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है। साथ ही, कंपनियों के प्रमोटर्स की गिरवी रखें शेयरों की कीमत 1.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में इन शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। इसीलिए निवेशकों को सावधान रहना चाहिए। यह भी पढ़े: महज दो दिन में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का शेयर 40 फीसदी टूटा, अब क्या करें निवेशक
इन कंपनियों के प्रमोटर्स की 95 फीसदी तक हिस्सेदारी रखी है गिरवी
कोटक इंस्टीट्यूशनल की रिपोर्ट के मुताबिक बजाज हिंदुस्थान, रिलायंस डिफेंस, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज और रतनइंडिया पावर के प्रमोटर्स की 95 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी गिरवी रखी है। इस दौरान इन कंपनियों के शेयरों में 40 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है।#ModiGoverment3Saal: मोदी राज में निफ्टी छुएगा 10 हजार का स्तर, इन चुनिंदा शेयरों में बनेगा पैसा
इन कंपनियों के प्रमोटर्स की गिरवी हिस्सेदारी में आई कमी
कोटक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-मार्च तिमाही में फ्यूचर कंज्यूमर, रेन इंडस्ट्रीज, रिलायंस पावर, फ्यूचर्स रिटेल और अडानी पावर के प्रमोटर्स ने गिरवी रखी हिस्सेदारी छुड़ाई है।
निफ्टी-50 के इन कंपनियों के प्रमोटर्स की बड़ी हिस्सेदारी रखी है गिरवी
निफ्टी-50 में शामिल छह कंपनी के प्रमोटर्स खासकर एशियन पेंट्स (14.6 फीसदी), इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (12.5 फीसदी), टाटा मोटर्स (5.9 फीसदी), टाटा स्टील (5.7 फीसदी), जी एंटरटेनमेंट (39.4 फीसदी) की भी हिस्सेदारी गिरवी रखी है। यह भी पढ़े: शेयरों में तेजी से पिछले तीन वर्ष में निवेशकों की पूंजी में हुआ 50 लाख करोड़ रुपए का इजाफा
प्रमोटर्स क्यों गिरवी रखते हैं शेयर
अक्सर प्रमोटर्स वर्किंग कैपिटल जुटाने के लिए अपने शेयर गिरवी रखते हैं। जिस कंपनी के प्रमोटर्स के ज्यादा शेयर गिरवी होते हैं, उस कंपनी के शेयर में गिरावट आने की आशंका ज्यादा होती है। इस तरह के मामले में अगर शेयर का दाम एक खास लेवल से नीचे जाता है तो ऋणदाता संस्थान या बैंक प्रमोटर्स से मार्जिन के रूप में और पैसे या सिक्युरिटी की मांग करते हैं। ऐसा नहीं करने पर लेनदार संबंधित कंपनी के शेयरों को ओपन मार्केट में बेच देते हैं। किंगशिफर एयरलाइंस के मामले में ऐसा ही हुआ था। अगर किसी प्रमोटर ने ज्यादा शेयर गिरवी रखे हैं तो इससे उसकी कंपनी के खराब फंडामेंटल्स का भी पता चलता है और कंपनी के डिफॉल्ट होने का भी खतरा बढ़ता है।
क्या करें इन्वेसटर्स
फॉर्च्यून फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर कहते हैं कि इस तरह के शेयरों से निवेशकों को दूर रहना चाहिए, क्योंकि इन कंपनियों को हमेशा फंड की दिक्कत रहती है। निवेशकों को हमेशा बेहतर फंडामेंटल वाले शेयरों में ही निवेश करना चाहिए। मायस्टॉक के हेड लोकेश उप्पल मानते हैं कि इन कंपनियों में निवेश का दोहरा जोखिम होता है। अगर कंपनी के प्रमोटर्स ने शेयर गिरवी रखने के साथ-साथ कर्ज भी ले रखा है तो निवेशक के लिए यह जरूर चिंता की बात है। निवेशकों को इन शेयरों से हमेशा दूरी बनाए रखनी चाहिए। अगर इन शेयरों में फंस गए हैं तो घबराए नहीं और बिकवाली थमने का इंतजार करें, अगर कुछ उछाल मिले तो निकल जाएं।