नई दिल्ली। राणा शुगर्स, जेपी इन्फ्रा, एमटी एजुकेयर और पराग मिल्क फूड्स के शेयर महज 3 दिन में 30 फीसदी तक टूट गए है। इसका मतलब साफ है कि अगर किसी निवेशक ने इन शेयरों में पैसा लगाया होता तो उसकी रकम में भारी कमी देखने को मिल सकती है। अब सवाल उठता है ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिए तो इस पर एक्सपर्ट्स कहते है कि ये सभी शेयर कमजोर तिमाही नतीजों के चलते टूटे है। हालांकि इनमें से ज्यादातर कंपनियों पर कर्ज का बोझ भी बढ़ा है। लिहाजा निवेशकों को इन शेयरों से निकलकर अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करना चाहिए।
3 दिन में 30% तक टूटे ये शेयर
शेयर | तीन दिन | एक महीना | तीन महीने | छह महीने | एक साल |
---|---|---|---|---|---|
राणा शुगर्स | -30% | -18% | 16% | -18% | 184% |
पराम मिल्क फूड्स | -26% | -21% | -23% | -34% | -15% |
जेपी इन्फ्रा | -16% | 9% | 15% | -2% | -2% |
एमटी एडूकेयर | -20% | -14% | -15% | -15% | -18% |
क्यों आई इन शेयरों में गिरावट
- बाजार के एक्सपर्ट्स कहते है कि इन सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट की मुख्य वजह कमजोर तिमाही नतीजे है।
- जेपी इन्फ्रा का अक्टूबर-दिसंबर घाटा 25 करोड़ रुपए से बढ़कर 41 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं, कंपनी की आय 752 करोड़ रुपए से गिरकर 317 करोड़ रुपए रह गई है।
- एमटी एजुकेयर को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.40 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। जबकि, 2015 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 7.8 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। वहीं, इस दौरान कंपनी की आय में भी 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
- राना शुगर्स को दिसंबर तिमाही में 62.1 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। जबकि, पिछले साल की इस तिमाही में कंपनी को 1.45 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
मायस्टॉकरिसर्च के हेड लोकेश उप्पल का कहना है कि नोटबंदी के बाद भी दिसंबर तिमाही में कंपनियों के नतीजे अच्छे रहे है। सेक्टर के लिहाज से भी यह तिमाही बाजार के लिए काफी फायदेमंद रहा है। अब बाजार की नजर यूपी चुनाव के नतीजों पर है। हालांकि बाजार में तेजी का मूड बरकरार है। लिहाजा गिरावट पर लंबी अवधि का नजरिया रख खरीदारी करने की सलाह होगी।
मार्केट एक्सपर्ट अंबरीश बालिगा का कहना है कि मौजूदा समय में बाजार घरेलू और उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रहा हैं। जिसके चलते बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल बना हुआ है लेकिन बाजार सकारात्मक दिशा में कारोबार करता नजर आयेगा। निफ्टी में 8700-8725 स्तर के आसपास सपोर्ट बना हुआ हैं। अगर किसी कारण निफ्टी अपने सपोर्ट को तोड़ता है तो निफ्टी में अगला सपोर्ट 8550 के स्तर होगा।
क्या करें निवेशक
- रिस्क कैपिटल एडवाइजर्स के डी डी शर्मा का कहना है कि अगले 12 महीने में पीएसयू बैंकों में काफी सकारात्मक बदलाव आएंगे। अगले 1-2 तिमाही के बाद एनपीए के इश्यू कम होने शुरु हो जाएंगे और पीएसयू बैंक रिरेट होंगे।
- पीएसयू बैंकों में एसबीआई दिग्गज कंपनी है और काफी वैल्यूएबल भी है। तो 12 महीने के लिहाज से एसबीआई को जरूर लिया जा सकता है। एसबीआई का शेयर सालभर में आसानी से 350 रुपये के भाव दिखा सकता हैं या इसके ऊपर भी जा सकता है।