नई दिल्ली। शेयर बाजार में इस सप्ताह फ्यूचर्स व ऑप्शंस सेगमेंट के चालू महीने के अनुबंधों की एक्सपायरी को लेकर उतार-चढ़ाव का दौर दिखने को मिल सकता है। ऐसे में निफ्टी के लिए 13,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को छूने की चुनौती होगी जोकि बीते सप्ताह 40 अंक से भी कम के अंतर से रह गया था। विदेशी निवेशकों का बीते दिनों भारतीय शेयर बाजार के प्रति रुझान बना रहा है और नवंबर में एफपीआई की लिवाली देखने को मिली है। लिहाजा, बाजार के जानकार मान रहे हैं कि इस हफ्ते निफ्टी 13,000 का स्तर छू सकता है।
कोरोना महामारी के गहराते प्रकोप के बीच वैक्सीन आने की दिशा में हो रही प्रगति से निवेशकों का मनोबल उंचा होने के कारण घरेलू शेयर बाजार में बीते सप्ताह तेजी का रुझान बना रहा और प्रमुख संवेदी सूचकांकों ने ऐतिहासिक उंचाइयां बनाईं, हालांकि मुनाफा वसूली के चलते सेंसेक्स और निफ्टी अपने नए शिखर से थोड़ा फिसल कर बंद हुए जबकि साप्ताहिक स्तर पर लगातार तीसरे सप्ताह बढ़त का सिलसिला जारी रहा। चालू महीने नवंबर सीरीज के फ्यूचर्स व ऑप्शंस सेगमेंट के अनुबंधों की एक्सपायरी इस सप्ताह गुरुवार यानी 26 नवंबर को होने जा रही है जिसके बाद निवेशक अगले महीने के अनुबंधों में अपना पोजीशन बनाएंगे लिहाजा, बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
हालांकि बाजार की चाल तय करने में वैश्विक बाजारों से मिलने वाले संकेतों और भारत में निवेश के प्रति विदेशी निवेशों की दिलचस्पी की अहम भूमिका होगी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल पर भी निवेशकों की निगाहें होंगी। ट्रेड स्विफ्ट के निदेशक संदीप जैन कहते हैं कि निफ्टी बीते सप्ताह 13,000 के काफी करीब पहुंच गया था और इस सप्ताह यह स्तर टूट सकता है। जैन कहते हैं कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारतीय बाजार में दिलचस्पी बनी हुई है जिससे आगे तेजी का रुझान देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार में तेजी की सूरत में निफ्टी में 13,100 से 13,400 का लेवल देखने को मिल सकता है।
वहीं, निवेश सलाहकार सोमेश कुमार का कहना है कि निफ्टी बहरहाल 12600-13,000 के रेंज में रहेगा, लेकिन तेजी की सूरत में इसका अगला टारगेट 13,200 रहेगा जबकि गिरावट की स्थिति में टारगेट 12,400 रहेगा। सोमेश कुमार ने कहा कि इस समय बाजार में लिक्विडिटी काफी है और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद पहले से इंतजार कर रही तरलता अब बाजार में आने लगी है। उन्होंने कहा कि एफआईआई की लिवाली नवंबर में इस वित्त वर्ष सबसे ज्यादा रही है और एक्विटी सेगमेंट में 20 नवंबर तक एफआईआई की निवल लिवाली 46,000 करोड़ से अधिक रही है।
हालांकि कोरोना महामारी के गहराते प्रकोप के चलते भारत के कई शहरों और दुनिया के अन्य देशों में जो पाबंदियां लगाई गई हैं उनपर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है। उधर, विदेशों में इस सप्ताह जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों का भी असर शेयर बाजार पर देखने को मिलेगा। अमेरिका में बुधवार को अक्टूबर महीने के व्यक्ति खर्च व आय के आंकडों के साथ-साथ टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर के आंकड़े भी जारी होंगे। वहीं, सप्ताह के आखिर में चीन में अक्टूबर महीने के औद्योगिक मुनाफे के आंकड़े जारी होंगे।