नई दिल्ली। विशेषज्ञों के अनुसार नए वर्ष में देश के सबसे बड़े आर्थिक घटनाक्रम आम बजट 2017-18 को लेकर बनी उम्मीदों से बाजार में बीते सप्ताह तेजी रही और आगे भी शेयर बाजार की दिशा इसी से तय होगी। आम बजट एक फरवरी को पेश होगा।
इकॉनोमिक ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए सरकार कर सकती है उपाय
- इंडिया निवेश की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार बाजार को बजट से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं क्योंकि नोटबंदी के बाद बजट पेश हो रहा है।
- बाजार का मानना है कि सरकार बजट के माध्यम से पटरी से उतरी इकॉनोमिक ग्रोथ को फिर से रफ्तार देने के लिए अनेक उपाय कर सकती है।
- मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शेयर बाजार के परिप्रेक्ष्य से आगामी बजट एक प्रमुख घटनाक्रम होगा।
- हमारा मानना है कि लोगों की कर देनदारी घटाने के किसी कदम से उपभोक्ता आधारित क्षेत्रों को रफ्तार मिलेगी।
सप्ताह के दौरान बजाज ऑटो, ICICI बैंक, ONGC तथा एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आ रहे हैं।
कोटक सिक्युरिटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पीसीजी रिसर्च दीपेन शाह ने कहा
आगे चलकर बजट ही बाजार के केंद्र में होगा। अभी तक कंपनियों के नतीजों पर नोटबंदी का असर कम दिखा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य कंपनियां इस मोर्चे पर कैसा प्रदर्शन करती हैं। बाजार की निगाह डॉलर के उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी।
PMI आंकड़े भी करेंगे बाजार धारणा को प्रभावित
- वृहद मोर्चे पर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों पर PMI के आंकड़े भी कारोबारी धारणा को प्रभावित करेंगे।
- सैमको सिक्योरिटीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, बाजार में चल रही मौजूदा तेजी और व्यापक हो सकती है क्योंकि इस सप्ताह बजट पेश होना है।
- बीते सप्ताह बांबे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 847.96 अंक या 3.13 प्रतिशत चढ़ा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 291.90 अंक या 3.49 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई।