नई दिल्ली। कोरोना के कहर से दुनियाभर में मचे कोहराम के कारण भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता कारोबारी सप्ताह बीते एक दशक से ज्यादा समय में सबसे नुकसान भरा साबित हुआ। इस दौरान विदेशी बाजार से मिले निराशाजनक संकेतों से घरेलू बाजार में आई भारी गिरावट के कारण निवेशकों का करीब 12 लाख करोड़ रुपये डूब गया। सेंसेक्स पिछले सप्ताह के मुकाबले करीब सात फीसदी टूटा, जबकि निफ्टी में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। सेंसेक्स शुक्रवार को पिछले सप्ताह के मुकाबले 2,872.83 अंकों यानी 6.98 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 38,297.29 पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 879.10 अंक यानी 7.27 फीसदी लुढ़ककर 11,201.75 पर बंद हुआ।
चीन से कोरोनावायरस का प्रकोप दुनिया के अन्य देशों में फैलने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास प्रभावित होने की आशंका बन गई है। इस के बीच दुनियाभर के बाजारों में विकवाली के भारी दबाव में प्रमुख संवेदी सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई। दरअसल दुनिया भर की कई रेटिंग एजेंसी आशंका जता रही हैं कि अगर वायरस का दायरा चीन से बाहर भी दूसरे देशों में फैलता है तो कई और देशों की कारोबारी गतिविधियां ठप पड़ जाएगी जिससे दुनिया भर में मंदी छा सकती है।
ये हफ्ता दुनिया भर के बाजारों के लिए काफी नुकसान भरा साबित हुआ है। अमेरिकी बाजारों में बीता हफ्ता 2008 के बाद सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाला हफ्ता साबित हुआ है। डाओ और एसएंडपी में लगातार 7 दिन से गिरावट देखने को मिल रही है। वही हफ्ते के दौरान कच्चे तेल मे 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।