नई दिल्ली। घरेलू अर्थव्यवस्था और विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों की वजह से मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार तेज गिरावट के साथ बंद हुए हैं। बैंकिग स्टॉक्स में तेज गिरावट की वजह से प्रमुख इंडेक्स में करीब 2 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है। मंगलवार के कारोबार में सेंसेक्स 661 अंक की गिरावट के साथ 36033 के स्तर पर और निफ्टी 195 अंक की गिरावट के साथ 10607 के स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान निजी बैंकों को उठाना पड़ा। वहीं फार्मा सेक्टर एकमात्र बढ़त के साथ बंद होने वाला सेक्टर रहा।
आज के कारोबार में निजी बैंकों का इंडेक्स 3.27 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं सरकारी बैंकों में 3.02 फीसदी की गिरावट रही। पूरा बैंकिंग सेक्टर इंडेक्स 3.08 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। ऑटो सेक्टर इंडेक्स में 2.52 फीसदी, मेटल सेक्टर इंडेक्स में 2.54 फीसदी की गिरावट रही। इसके साथ ही पावर सेक्टर इंडेक्स 1.76 फीसदी, रियल्टी सेक्टर इंडेक्स 1.68 फीसदी और आईटी सेक्टर इंडेक्स 1.14 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। आज फार्मा सेक्टर इंडेक्स 0.41 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ।
विदेशी बाजारों में अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने के खबर से दबाव बढ़ा है। अमेरिका ने दक्षिण चीन महासागर में चीन के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। इससे चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने की आशंका बन गई है। निवेशक मान रहे हैं कि अगर ये तनाव ट्रेड वॉर में बदलता है तो अर्थव्यवस्थाओं के लिए मुश्किलें काफी बढ़ जाएगी।
इसके साथ ही दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर कारोबारी प्रतिबंध लगने की आशंका बढ़ गई है। दुनिया भर के देशों ने एक बाऱ फिर आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों में और सख्ती के संकेत दिए हैं। ऑस्ट्रेलिया जापान, हॉन्गकॉन्ग ने अपने कई इलाकों में एक बाऱ फिर से सख्त नियमों का ऐलान किया है। वहीं भारत में भी कई राज्यों और शहरों ने प्रतिबंधों को लेकर नए नियम जारी किए हैं। इससे आर्थिक गतिविधियों में रिकवरी में और देरी की आशंका बन गई है। जिसका निवेशकों के सेंटीमेंट्स पर बुरा असर पड़ा है।
इसके साथ ही हाल में आई कई रिपोर्ट भी आशंका जताई जा रही हैं कि कई सेक्टर को महामारी से पहले की स्थिति में पहुंचने में पिछले अनुमान से ज्यादा वक्त लग सकता है। घरेलू एविएशन सेक्टर में ट्रैफिक के पिछले साल के मुकाबले आधा रहने की संभावना दी गई है। वहीं ऑटो सेक्टर का अनुमान है उसे रिकवरी में 3-4 साल का लंबा वक्त लग सकता है।
मंगलवार के कारोबार में यूरोपियन बाजारों में गिरावट का रुख है। घरेलू मार्केट के बंद होते वक्त फ्रांस के CAC 40 में 1.56 फीसदी, जर्मनी के DAX में 1.34 फीसदी और यूके के FTSE 100 में 0.34 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही थी। वहीं एशियाई बाजारों में हॉन्गकॉन्ग का हेंग सेंग 1.56 फीसदी, जापाना का निक्केई 0.87 फीसदी और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.83 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है।