मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को कारोबार की शुरूआत तेजी के साथ हुई, लेकिन जल्द घरेलू कारकों और कमजोर विदेशी संकेतों से बाजार में जल्द ही नकारात्मक रुख देखने को मिला और सेंसेक्स 100 अंकों से ज्यादा टूट गया। निफ्टी भी तेजी के साथ खुला लेकिन बाद में फिसल गया।
ऑटो क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों पर दबाव से बाजार में कमजोरी बढ़ी। पूर्वाह्न् 10.49 बजे सेंसक्स पिछले सत्र से 76.65 अंकों यानी 0.20 फीसदी की गिरावट के साथ 38,806.14 पर कारोबार कर रहा था और निफ्टी भी 48.30 अंकों यानी 0.43 फीसदी की कमजोरी के साथ 11,236 पर बना हुआ था।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सत्र के आरंभ में तकरीबन 160 अंकों की तेजी के साथ 38,043.22 पर खुलने के बाद बिकवाली के दबाव में लुढ़क कर 37,754.21 पर आ गया। हालांकि बाद में थोड़ी रिकवरी आने के बाद सेंसेक्स 38,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर कारोबार कर रहा था। पिछले सत्र में सेंसेक्स 37,882.79 पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी मजबूती के साथ 11,307.50 पर खुला और 11,310.95 तक उछला। हालांकि कारोबारी रुझान कमजोर रहने के कारण निफ्टी में भी गिरावट आ गई और यह फिसलकर 11,224.90 पर आ गया। पिछले सत्र में निफ्टी 11,284.30 पर बंद हुआ था।
शुरुआती कारोबार में रुपया छह पैसे कमजोर
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी के बीच शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को छह पैसे टूटकर 68.95 पर खुला। अंतरबैंक विदेशी मु्द्रा विनिमय बाजार में रुपया 68.92 के कमजोर रुख के साथ खुला। जल्द ही यह डॉलर के मुकाबले पिछले बंद स्तर से छह पैसे गिरकर 68.95 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा है। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 68.89 पर बंद हुआ था।मुद्रा कारोबारियों के अनुसार संघीय मुक्त बाजार समिति की 31 जुलाई की बैठक को लेकर निवेशकों का रुख सावधानी भरा है जिसके चलते रुपये में कारोबार सीमित दायरे में चल रहा है। इसके अलावा निवेशकों की नजर अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता पर लगे होने के चलते भी रुपया प्रभावित हुआ है।
अमेरिका और चीन के प्रतिनिधि मंगलवार से शंघाई में व्यापार वार्ता को फिर शुरू कर सकते हैं। आरंभिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को 1,503. 26 करोड़ रुपये की निकासी की। इसी बीच ब्रेंट कच्चा तेल 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.25 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।