मुंबई। शेयर बाजार में प्रमुख सेंसेक्स सूचकांक शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 400 अंक से अधिक गिर गया। इस दौरान ऑटो एवं बैंकिंग शेयरों में घाटा देखने को मिला। कोरोना वायरस महामारी और इसके आर्थिक असर को लेकर अनिश्चितता की स्थिति के कारण निवेशकों की धारणा कमजोर बनी हुई हैं। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 27,800.07 अंक तक टूटने के बाद खबर लिखे जाने तक 375.34 अंक या 1.33 प्रतिशत गिरकर 27,889.97 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह एनएसई निफ्टी 105.35 अंक या 1.28 प्रतिशत गिरकर 8,148.45 पर था।
सेंसेक्स में कोटक बैंक सबसे अधिक सात प्रतिशत गिरा। इसके अलावा गिरने वाले शेयर इंडसइंड बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, एशियन पेंट्स, टाइटन और आईसीआईसीआई बैंक थे। दूसरी ओर पावरग्रिड, ओएनजीसी, एचसीएल टेक और सन फार्मा हरे निशान में थे। बुधवार को पिछले कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 1,203.18 अंक या 4.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 28,265.31 पर बंद हुआ।
इसी तरह एनएसई निफ्टी 343.95 अंक या चार प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,253.80 पर बंद हुआ। इस दौरान विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक उन्होंने सकल आधार पर बुधवार को 1,116.79 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर बेचे। गुरुवार को राम नवमी के अवसर पर बाजार बंद था। कारोबारियों ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के ताता मामलों में हर दिन हो रही बढ़ोतरी के चलते निवेशकों को आर्थिक मंदी की चिंता सता रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में कोविड-19 संक्रमण की संख्या 2,500 से अधिक हो गई है।
कोरोना वायरस के डर से शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 48 पैसे टूटा
कोरोना वायरस महामारी को लेकर बढ़ती आशंकाओं के बीच भारतीय रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 48 पैसे टूटकर 76.08 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। भारत में और दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामलों तेजी से वृद्धि हुई है। मुद्रा बाजार में कारोबारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण आर्थिक मंदी की बढ़ती आशंकाओं के चलते रुपये में गिरावट आई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 75.97 के स्तर पर खुला और फिर पिछले बंद भाव के मुकाबले 48 पैसे की गिरावट दर्ज करते हुए 76.08 पर आ गया। रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.60 पर बंद हुआ था। भारत में मुद्रा बाजार एक अप्रैल को बैंकों की वार्षिक क्लोजिंग और दो अप्रैल को रामनवमी के कारण बंद थे। रिलायंस सिक्योरिटीज ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण निवेशकों की भावनाएं प्रभावित हो सकती हैं और वे सुरक्षित डॉलर की खरीदारी जारी रख सकते हैं।