नई दिल्ली। उम्मीदों के शिखर पर सवार को सत्ता में आई मोदी सरकार के बल पर शेयर बाजार ने 2014 में निवेशकों को भले मालामाल कर दिया हो लेकिन 2015 का अंत निश्चित तौर पर मायूसी के साथ हो रहा है। बीते नौ महीनों में प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर से 5000 अंक टूट चुका है। 4 मार्च को सेंसेक्स ऑल-टाइम हाई लेवल 30,000 के पार पहुंच गया था। वहीं शुक्रवार के कारोबारी सत्र में इसने 25000 का मनोवैज्ञानिक स्तर भी तोड़ दिया। बीते नौ महीनों में आई इस गिरावट में निवेशकों को 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
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ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि आने वाले अहम हफ्ते में जब संसद में जीएसटी और रियल इस्टेट बिल को दिशा मिल सकती हो तब बाजार किस दिशा में जाएगा और 2015 का अंत शेयर बाजार के निवेशकों के लिए कैसा होगा?
अगला हफ्ता बेहद अहम
सरकार शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में वस्तु एवं सेवा कर GST और रीयल एस्टेट से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिये नए सिरे से प्रयास करेगी। राज्यसभा में जीएसटी विधेयक को पारित कराने के लिए चार घंटे का समय दिया गया है जबकि रीयल एस्टेट विधेयक के लिए तीन घंटे और भ्रष्टाचार रोधी पहल वाले व्हिसिलब्लोअर विधेयक पर चर्चा के लिये दो घंटे का समय नियत किया गया है। लोकसभा में अब तक छह विधेयक पारित हो चुके हैं और इतने ही पेश किए गए हैं जबकि राज्य सभा में सिर्फ एक विधेयक पारित हुआ है। संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि लोक सभा द्वारा पारित 10 विधेयकों को अभी राज्य सभा में आगे बढ़ाया जाना है।
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बाजार की दिशा पर विशेषज्ञों की राय
ट्रेडस्विफ्ट के एमडी संदीप जैन के मुताबिक जीएसटी विधेयक पारित होना मुश्किल नजर आ रहा है क्योंकि कांग्रेस अभी भी इसके विरोध में नजर आ रही है। वहीं ग्लोबल स्तर पर फेड की बैठक, क्रूड ऑयल की गिरती कीमतें और चीन आर्थिक आंकड़े बाजार की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा घरेलू स्तर पर थोक महंगाई और रिटेल महंगाई के आंकड़े बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
बाजार के लिहाज से फेड की बैठक बेहद अहम
इस हफ्ते 15-16 को होने वाली अमेरिकी फेड की बैठक में करीब एक दशक बाद ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का फैसला हो सकता है। कोटक सिक्योरिटीज के सीनियर वीपी (इक्विटी रिसर्च) श्रीकांत चौहान के मुताबिक कि इस बार अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ना तय है। इसके कारण बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, गिरावट पर निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका होगा क्योंकि दरों में बढ़ोत्तरी की घोषणा के बाद एक गिरावट आएगी लेकिन इसके बाद अच्छी रिकवरी की संभावना है।
मनीलिशियस कैपिटल के सीईओ जयप्रकाश गुप्ता के मुताबिक अगर 16 दिसंबर को फेड ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी करता है तो बैंकिंग और रियल एस्टेट के शेयरों में गिरावट गहरा सकती है। गुप्ता ने कहा कि दरें बढ़ने से विदेशी निवेशक बाजार से पैसा निकाल सकते है। इसका नकारात्मक असर शेयर बाजार पर पड़ेगा।