नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के लिए मतदान समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल में एनडीए की दोबारा सरकार बनने से बाजार में जोरदार जोश देखा गया। निवेशकों की जोरादार खरीदारी से घरेलू शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। निवेशकों की लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 1,422 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 421 अंक की जबर्दस्त तेजी के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स में सोमवार को 1422 अंक की तेजी आने के साथ ही निवेशकों की संपत्ति में 5.33 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज की गई। शेयरों में तेजी आने से बाजार का पूंजीकरण सोमवार को 5,33,463.04 करोड़ रुपए बढ़ गया। सोमवार को बाजार बंद होने के बार बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण बढ़कर 1,51,86,312.05 करोड़ रुपए हो गया।
बंबई शेयर बाजार का 30-शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,421.90 अंक यानी 3.75 प्रतिशत उछलकर 39,352.67 अंक पर पहुंच गया। दिन में कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 39,412.56 अंक और नीचे में 38,570.04 अंक तक गया। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 421.10 अंक यानी 3.69 प्रतिशत चढ़कर 11,828.25 अंक पर पहुंच गया।
आम चुनाव के लिए रविवार को मतदान संपन्न होने के बाद जारी एक्जिट पोल सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार को जनता द्वारा एक और मौका दिए जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है। इन सर्वेक्षणों में राजग को 300 से अधिक सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। यह संख्या लोकसभा में 272 के सामान्य बहुत से कहीं अधिक है। मतों की गिनती 23 मई को होगी।
निवेशकों को उम्मीद है कि राजग के सत्ता में बने रहने से आर्थिक सुधारों की गति बनी रहेगी और पहले कार्यकाल में जिन कार्यों को शुरू किया गया उन्हें और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। सेंसेक्स की तेजी में योगदान करने वाले शेयरों में स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, यस बैंक, एचडीएफसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजूकी, ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक में 8.64 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई।
इसके विपरीत बजाज ऑटो और इंफोसिस में नुकसान रहा। एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसफ थॉमस ने कहा कि एक्जिट पोल में मौजूदा सरकार के फिर से सत्ता में लौटने की संभावना व्यक्त किए जाने के बाद घरेलू शेयर बाजार में सभी कारोबारी क्षेत्रों में अप्रत्याशित तेजी का रुख देखा गया।
उन्होंने कहा कि तेजी के इस रुख को बरकरार रखने के लिए नई सरकार से निर्णायक नीतिगत पहल उम्मीद की जाती है। भूमि और श्रम सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही बैंक प्रणाली में मजबूती लाने और उसके पुनर्गठन का जो अधूरा काम रह गया है उसे जल्द से जल्द पूरा करना होगा। इस बीच बाजार में भारी तेजी को देखते हुए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बाजार में अपने निगरानी तंत्र को अधिक चाक-चौबंद कर दिया है ताकि बाजार में किसी भी तरह की साठगांठ वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।