नई दिल्ली। मंगलवार के सत्र में ऑटो, मेटल, फार्मा और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी लौटने से सेंसेक्स और निफ्टी दिन के ऊपरी स्तर पर बंद हुए है। BSE का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 258 अंक की तेजी के साथ 27,375 के स्तर पर और NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 84 अंक बढ़कर 8476 के स्तर पर बंद हुआ है।
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दिनभर आज शेयर बाजार में कुछ ऐसा रहा कारोबार
- अमेरिकी और एशियाई बाजारों से मिले सुस्त संकेतों के बावजूद घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत 50 अंक की तेजी के साथ हुई थी।
- तेजी के इस माहौल में निफ्टी 8450 के पार निकल गया है, जबकि सेंसेक्स 250 अंकों से ज्यादा मजबूत हुआ है।
- आज के कारोबार में निफ्टी ने 8481 तक दस्तक दी थी, तो सेंसेक्स 27400 के बेहद करीब तक पहुंचा था।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी तेजी कायम
- मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1 फीसदी बढ़कर बंद हुआ है, जबकि निफ्टी के मिडकैप 100 इंडेक्स में भी 1 फीसदी की तेजी आई है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.9 फीसदी तक मजबूत होकर बंद हुआ है।
सेक्टर इंडेक्स का हाल
- ऑटो, मेटल, फार्मा, बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, ऑयल एंड गैस, पावर और कंज्यूमर ड्युरेबल्स शेयरों में खरीदारी का माहौल देखने को मिला है। बैंक निफ्टी 1 फीसदी बढ़कर 19023.5 के स्तर पर बंद हुआ है, जबकि निफ्टी के पीएसयू बैंक इंडेक्स में 0.6 फीसदी और प्राइवेट सेक्टर बैंक इंडेक्स में 0.9 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
- निफ्टी के मेटल इंडेक्स में 1.6 फीसदी, फार्मा इंडेक्स में 1.25 फीसदी और ऑटो इंडेक्स में 1.7 फीसदी की मजबूती आई है।
- बीएसई के कैपिटल गुड्स इंडेक्स में 1.25 फीसदी, ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 1.3 फीसदी, पावर इंडेक्स में 1.4 फीसदी और कंज्यूमर ड्युरेबल्स इंडेक्स में 1.1 फीसदी की तेजी आई है। हालांकि आज आईटी और एफएमसीजी शेयरों में दबाव नजर आया है।
शेयर बाजार में क्यों आई तेजी
अमेरिकी डॉलर में आई गिरावट से भारतीय रुपए में तेजी आई है। जिसका असर करेंसी बाजार के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। क्योंकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि रुपए में मजबूती सेएफआईआई फिर भारत की ओर कर सकते है।
बाजार में आगे क्या
एवेंडस कैप ऑल्ट स्ट्रैटेजीज के CEO एंड्र्यू हॉलैंड ने एक बिजनेस चैनल को दिए इंटरव्यु में बताया कि बजट से बाजार की उम्मीदें काफी ज्यादा हैं। उम्मीद है कि आगामी बजट में वित्त मंत्री कॉर्पोरेट और पर्सनल टैक्स पर अहम फैसले लेंगे। इसके साथ ही कृषि और इंफ्रा पर भी खास फोकस होगा। आगे बाजार में बढ़त की काफी संभावना है लेकिन देखना होगा कि वित्त मंत्री बजट में क्या करते हैं।
नजरें अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसलों पर
- एंड्र्यू हॉलैंड ने आगे कहा कि बाजार की नजरें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों पर भी रहेगी।
- अमेरिका की आर्थिक नीतियों पर पूरी दुनिया की नजरें हैं।
- दुनिया में ट्रेड और करेंसी वार की संभावनाओं से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए एंड्र्यू हॉलैंड ने कहा कि 2016 में नजर इस पर रही कि कौन करेंसी डीवैल्युएट करता है।
- अगर आगे किसी तरह का ट्रेड या करेंसी वार होता है तो भारतीय इकोनॉमी में कोई बड़ी दिक्कत नहीं होगी क्योंकि भारतीय इकोनॉमी घरेलू कारकों पर ज्यादा निर्भर है।