मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों के लिये बजट वाले सप्ताह का पहला दिन अच्छा रहा। वैश्विक स्तर पर तेजी के बीच बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 292 अंक मजबूत होकर 39,686.50 अंक पर बंद हुआ। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध फिलहाल थमने से वैश्विक स्तर पर निवेशकों को थोड़ी राहत मिली जिसका वैश्विक और घरेलू बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
इसके अलावा शुक्रवार को पेश होने वाले बजट में सुधार की उम्मीद से भी घरेलू बाजारों को बल मिला। बीएसई सेंसेक्स तेजी के साथ 39,543.73 अंक पर खुला और कारोबार के दौरान यह 39,764.82 से 39,541.09 के दायरे में रहा। अंत में यह यह 291.86 अंक यानी 0.74 प्रतिशत की तेजी के साथ 39,686.50 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 76.75 अंक अर्थात 0.65 प्रतिशत उछलकर 11,865.60 अंक पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 11,884.65 तथा नीचे में 11,830.80 अंक तक गया।
सेंसेक्स के शेयरों में लाभ में रहने वालों में टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं। इनमें 3.23 प्रतिशत तक की तेजी आई। वहीं दूसरी तरफ ओएनजीसी, एचसीएल टेक, मारुति सुजुकी, एचयूएल, एशियन पेंट्स और वेदांता में 3.99 प्रतिशत तक की गिरावट आई। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 लाभ में और 8 नुकसान में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार युद्ध फिलहाल थमने और तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक से तेल आपूर्ति जरूरी स्तर पर बने रहने की उम्मीद से वैश्विक बाजारों में तेजी आयी। मासिक आधार पर वाहन बिक्री में तेजी तथा राजस्व संग्रह में वृद्धि के कारण जीएसटी दर को सरल बनाने के प्रस्ताव से बाजार धारणा को बल मिला।
विश्लेषकों के अनुसार वैश्विक स्तर पर मजबूत रुख से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने व्यापार शुल्क पर बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। कारोबारियों के अनुसार भारत और अमेरिका के बीच भी व्यापार मुद्दों को लेकर चिंता दूर होने से कारोबारी धारणा को बल मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप ने शुक्रवार को जी-20 बैठक में द्विपक्षीय व्यापार मसलों को सुलझाने के लिए अपने वाणिज्य मंत्रियों की जल्दी बैठक पर सहमति जताई। इसके अलावा आगामी बजट में सुधारों की उम्मीद से भी बाजार में उत्साह है।
एशिया में चीन और जापान में शेयर बाजारों में तेजी रही, जबकि हांगकांग और दक्षिण कोरिया के बाजारों में गिरावट रही। वहीं यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।