मुंबई। पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल के दाम में आ रही तेजी की चिंता से शेयर बाजारों में मंगलवार को बड़ी गिरावट आई और सेंसेक्स 642 अंक टूट गया। निवेशक कच्चे तेल के दाम में तीव्र वृद्धि से देश की राजकोषीय सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 642.22 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,481.09 अंक पर बंद हुआ। एक समय इसमें 704 अंक तक की गिरावट आ गई थी। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 185.90 अंक यानी 1.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,817.60 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में जिन शेयरों में अधिक गिरावट दर्ज की गई, उनमें हीरो मोटो कॉर्प, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, टाटा स्टील, मारुति और एसबीआई शामिल हैं। इन शेयरों में 6.19 प्रतिशत तक की गिरावट आई। तीस शेयरों में से केवल एचयूएल, एशियन पेंट्स और इंफोसिस लाभ में रहे।
विशेषज्ञों के अनुसार निवेशक सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमले के बाद भू-राजनीतिक अनिश्चितता से चिंतित हैं। निवेशक इस रिपोर्ट से भी चिंतित है कि तेल के दाम में तेजी का असर भारत की आर्थिक स्थिति पर पड़ सकता है। भारत अपनी कुल तेल जरूरतों का 70 प्रतिशत आयात से पूरा करता है। दुनिया के सबसे बड़े तेल प्रसंस्करण संयंत्र पर हमले के बाद वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में रिकॉर्ड तेजी आई है। ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को 20 प्रतिशत बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। हालांकि मंगलवार को इसमें कुछ सुधार हुआ और यह 67.97 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार तेल आयात की लागत बढ़ने से कंपनियों के बही-खातों पर दबाव पड़ेगा। इससे उनका लाभ कम होगा और महंगाई दर बढ़ेगी। तेल के दाम में तेजी के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कारोबार के दौरान 37 पैसे टूटकर 71.97 डॉलर पर पहुंच गया। इसके अलावा निवेशकों की नजर चीन और अमेरिका के बीच बातचीत और फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक के नतीजों पर भी है। यह बैठक आज होनी है।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ वहीं जापान के निक्की और दक्षिण कोरिया के कोस्पी में तेजी रही। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में मिला-जुला रुख देखने को मिला।