मुंबई। शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सोमवार को प्रमुख सूचकांक करीब-करीब पिछले स्तर पर बंद हुए। दूरसंचार कंपनियों के शेयरों में लाभ के प्रभाव को वाहन तथा निजी बैंकों के शेयरों में गिरावट ने समाप्त कर दिया। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के कमजोर आंकड़े तथा वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट से निवेशक सतर्क नजर आयें। इससे बैंक तथा वाहन कंपनियों के शेयर दबाव में रहे। इसके अलावा निवेशकों ने रिजर्व बैंक की गुरुवार (5 दिसबंर) को जारी होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले रक्षात्मक रुख अपनाया।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स मामूली 8.36 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ 40,802.17 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 41,093.99 से 40,707.63 अंक के दायरे में रहा। वहीं दूसरी तरफ एनएसई निफ्टी 7.85 अंक यानी 0.07 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 12,048.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में भारतीय एयरटे को सर्वाधिक 3.67 प्रतिशत का लाभ हुआ। वहीं आर जियो की मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 2.28 प्रतिशत चढ़ा।
दूरसंचार कंपनियों की नई शुल्क योजनाए तीन दिसंबर से अमल में आने की घोषणा से इनके शेयरों में तेजी आयी। वोडाफोन आइडिया का शेयर भी बीएसई में 14 प्रतिशत चढ़कर 7.79 रुपये यूनिट तथा एनएसई में 22.63 प्रतिशत मजबूत होकर 8.40 रुपये शेयर रहा। इसके अलावा एशिया पेंट्स, कोटक बैंक तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा भी लाभ में रहे। वहीं दूसरी तरफ येस बैंक को सर्वाधिक 6.22 प्रतिशत नुकसान हुआ। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, ओएनजीसी, सन फार्मा, टाटा स्टील और मारुति में भी गिरावट रही। वाहन कंपनियों के कमजोर बिक्री आंकड़ों का असर उनके शेयरों पर पड़ा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'चीन में उम्मीद से बेहतर विनिर्माण के आंकड़े के कारण सकारात्मक धारणा के बावजूद घरेलू बाजार सीमित दायरे में रहा। इसका कारण जीडीपी वृद्धि के कमजोर आंकड़े, वाहन बिक्री में नरमी है। इसके अलावा इस सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले निवेशक थोड़े सतर्क दिखे। लेकिन बाजार को प्रोत्साहन और ब्याज दरों में कमी की उम्मीद है।
गिरावट चौतरफा रही जबकि आक्रमक शुल्क समीक्षा के कारण दूरसंचार कंपनियों के शेयरों में तेजी रही।' एशिया के अन्य बाजारों में तेजी रही। चीन में बेहतर विनिर्माण आंकड़े का असर इन बाजारों पर पड़ा। इसके अलावा निवेशकों को शुल्क वृद्धि के लिये 15 दिसंबर की समयसीमा से पहले अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौते की उम्मीद है।