मुंबई। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के भविष्य के संबंधों को लेकर अनिश्चिता के चलते वैश्विक बाजारों में मिलेजुले रुख तथा तथा कच्चे तेल के दाम में तेजी के बीच बुधवार को स्थानीय शेयर बाजारों में घट बढ़ के दौर चलते रहे। अंत में प्रमुख शेयर बाजार करीब-करीब पिछले स्तर पर बने रहे।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में करीब 200 अंक दायरे में घट बढ़ के बाद अंत में 2.96 अंक यानी 0.01 प्रतिशत के नाममात्र के लाभ के साथ 36,321.29 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला निफ्टी 3.50 अंक यानी 0.03 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 10,890.30 पर बंद हुआ।
यस बैंक, इंडसइंड बैंक, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, एसबीआई जैसी कंपनियों के शेयरों के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी जैसी पेट्रोलियम कंपनियों तथा बिजली उत्पादक एनटपीसी के शेयर 2.66 प्रतिशत तक लाभ में रहे। इसके विपरीत भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, आईटीसी, एचयूएल, एशियन पेंट्स और वेदांता के शेयरों में 1.38 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के अनुसंधान प्रमुख जोसफ थॉमस ने कहा कि देश विदेश में उत्साह की कोई नहीं घटना न दिखने से बाजार का कारोबार फीका रहा। वैश्विक निवेशक यूरोपीय संघ से पुराना जुड़ाव खत्म करने के ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिसा मे के प्रस्ताव को देश की संसद के निचले सदन ने खारिज कर दिया है। इससे उनकी सरकार के सामने अविश्वास प्रस्ताव की नौबत आ गई है, जबकि 29 मार्च को ब्रेक्जिट के लिए ब्रिटेन की कोई योजना नहीं बन पाई है।
यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में लंदन का एफटीएसई 0.61 प्रतिशत नीचे तथा जबकि जर्मनी के फैंकफर्ट और फ्रांस के पेरिस बाजार के प्रमुख सूचकांकों में सुधार का रुख था। एशियाई बाजारों में कोरिया का कोस्पी सूचकांक 0.43 प्रतिशत लाभ में तथा चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक मंगलवार के स्तर पर स्थिर रहा। हांगकांग का हैंगसेंग 0.27 प्रतिशत लाभ में रहा जबकि जापान का निक्की 0.55 प्रतिशत घाटे में बंद हुआ। कच्चे तेल के वैश्विक बाजार में ब्रेंट कच्चा तेल वायदा बाजार में 0.08 प्रतिशत और सुधर कर 60.69 डॉलर प्रति बैरल पर बोला जा रहा था।