नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के एफबीआई डायरेक्टर को बर्खास्त करने के बाद अमेरिका में बढ़ी पॉलिटिकल टेंशन के चलते यूएस समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में घबराहट बढ़ गई है। इन्हीं निगेटिव संकेतों के चलते गुरुवार के सत्र में भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले है। फिलहाल (9:20 AM) BSE का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 200 अंक गिरकर 30466.82 पर आ गया है। वहीं, NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 45 अंक गिरकर 9483 के स्तर पर है।#ModiGoverment3Saal: मोदी के कार्यकाल में निवेशक हुए मालामाल, ऐसे 5 हजार रुपए लगाकर कमाए 3 लाख
मिडकैप शेयरों में भी गिरावट
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली हावी हुई है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.6 फीसदी गिर गया है, जबकि निफ्टी के मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.7 फीसदी तक लुढ़का है। सभी प्रमुख सेक्टर इंडेक्स में कमजोरी देखने को मिल रही है। बैंक निफ्टी 0.6 फीसदी लुढ़ककर 22,800 के नीचे आ गया है। इसके साथ ही ऑटो, एफएमसीजी, मेटल, फार्मा, रियल्टी, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्युरेबल्स और पावर शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली दिख रही है। यह भी पढ़े: #ModiGoverment3Saal: सोने से रूठी ‘लक्ष्मी’, जुलाई तक हो सकता है 1100 रुपए सस्ता
शेयरों का हाल
बाजार में कारोबार के इस दौरान दिग्गज शेयरों में यस बैंक, अंबुजा सीमेंट, हिंडाल्को, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एलएंडटी, आईटीसी और एसबीआई 1.5-0.7 फीसदी तक गिरे हैं। हालांकि दिग्गज शेयरों में भारती एयरटेल, बैंक ऑफ बड़ौदा, टाटा स्टील, सन फार्मा, आईओसी और विप्रो 1.3-0.3 फीसदी तक बढ़े हैं। मिडकैप शेयरों में यूनाइटेड ब्रेवरेजेज, बजाज फिनसर्व, कमिंस और इलाहाबाद बैंक 4.1-1.7 फीसदी तक टूटे हैं। स्मॉलकैप शेयरों में सिग्निटी टेक, ताज जीवीके, शिल्पी केबल, डॉल्फिन ऑफशोर और अदानी ट्रांसमिशन 20-4.5 फीसदी तक लुढ़के हैं। आधार के बिना अब नहीं मिलेगा सिम कार्ड, ब्रॉडबैंड कनेक्शन और लैंडलाइन फोन, TRAI ने जारी किए दिशानिर्देश
अमेरिका में बढ़ी पॉलिटिकल टेंशन
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप एफबीआई डायरेक्टर को बर्खास्त करके मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग तेज होती जा रही है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप को लेकर उनकी पार्टी रिपब्लिकन में असंतोष बढ़ गया है। एफबीआई के काम में ट्रंप के दखल की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है। डोनाल्ड ट्रंप पर न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने का शक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर जेम्स कॉमे पर दबाव बनाया। पूर्व एनएसए माइकल फ्लिन के खिलाफ एक केस रोकने का दबाव का आरोप है। ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर जेम्स कॉमे को 9 मई को बर्खास्त किया था। जेम्स कॉमे चुनाव अभियान में रूस के हस्तक्षेप की जांच कर रहे थे।
घबराए दुनियाभर के शेयर बाजार
पॉलिटिकिल टेंशन के चलते अमेरिकी बाजारों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी बाजार 1.8-2.6 फीसदी तक गिरकर बंद हुए । दरअसल अमेरिका में निवेशकों को रिफॉर्म में रुकावट का डर सताने लगा है। अमेरिकी बाजारों की तेज गिरावट का असर एशियाई बाजारों पर साफ नजर आ रहा है। जापान का बाजार निक्केई 300 अंक लुढ़क गया है। वहीं, हांग कांग का इंडेक्स हैंगसेंग 0.50 फीसदी नीचे है। स्ट्रेट्स टाइम्स में 0.25 फीसदी की गिरावट नजर आ रही है, जबकि कोरियाई बाजार का इंडेक्स कोस्पी 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। ताइवान इंडेक्स में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है। शंघाई कम्पोजिट में 0.25 फीसदी की कमजोरी नजर आ रही है।
निफ्टी के इन स्तर पर रखें नजर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में पॉलिटिकिल टेंशन बढ़ने से दुनियाभर के बाजारों के साथ-साथ भारतीय बाजारों पर दबाव है। निफ्टी पर आज के लिए 9400-9425 के बीच अहम सपोर्ट है। अगर निफ्टी 9400 के नीचे बंद हो तो दिक्कते बढ़ेंगी। लेकिन अगर 9400 अगले 2 दिनों तक क्लोजिंग बेसिस पर होल्ड होता है तो दिक्कत की बात नहीं होगी। BSNL ने वर्ल्ड टेलीकॉम डे के मौके पर किया बड़ा ऐलान, 333 रुपए में मिलेगा अनलिमिटेड इंटरनेट डाटा
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वी के शर्मा का कहना है कि
मौजूदा समय में बाजार की तेजी में कारोबार कर रहा है जिसके चलते जिन निवेशकों ने बाजार की तेजी में बिकवाली करने की रणनीति तैयार की है उन्हें बाजार में बने रहने की सलाह होगी। क्योंकि 2003-2008 के बीच में बाजार निफ्टी 7 गुना बढ़ा था। जिसके चलते बाजार की यह बढ़त एक आयाम है और कुछ नहीं। जैसे- जैसे बाजार में अर्निंग ग्रोथ मजबूत होगी वैसे- वैसे बाजार नई ऊंचाईयों पर कारोबार करता नजर आयेगा। आनेवाले समय में बाजार में तेजी बरकरार ऱहने की उम्मीद है।वी के शर्मा के मुताबिक जिस तरह से सरकार अर्फोडेबल हाउसिंग को बढ़ावा दे रही है उससे आनेवाले 10 सालों तक इस सेक्टर में यानि सीमेंट, पेंट्स, पाइप्स और हाउसिंग फाइनेंस में तेजी देखने को मिलेगी। लिहाजा इन क्षेत्रों में निवेश किया जा सकता है।