मुंबई। शेयर बाजारों में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर मंगलवार को विराम लगा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 74 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। बैंक शेयरों में बिकवाली का असर वाहन तथा आईटी कंपनियों में तेजी पर भारी पड़ा। निवेशकों की आर्थिक नरमी थामने के लिए प्रोत्साहन उपायों की प्रतीक्षा के बीच यह गिरावट आई है।
सीजी पावर में हिस्सेदारी के मूल्यांकन को लेकर चिंता के बीच यस बैंक का शेयर 7.11 प्रतिशत नीचे आया। सीजी पावर में वित्तीय अनियमितता की खबर से बैंक का शेयर टूटा। बैंक की कंपनी में 12.79 प्रतिशत हिस्सेदारी है। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स बढ़त के साथ खुला और इसमें 292 अंक का उतार-चढ़ाव आया। अंत में यह 74.48 अंक यानी 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,328.01 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान ऊंचे में यह 37,511.55 और नीचे में 37,219.90 अंक तक गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 36.90 अंक यानी 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,017 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 11,076.30 से 10,985.30 अंक के दायरे में रहा। यस बैंक के अलावा जिन अन्य शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है, उसमें इंडसइंड बैंक, आईटीसी, एक्सिस बैंक, वेदांता और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। इनमें 2.43 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में मारुति, टाटा मोटर्स, एचसीएल टेक, इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचयूएल, हीरो मोटो कॉर्प, टीसीएस और कोटक बैंक शामिल हैं। इनमें 4.15 प्रतिशत तक की तेजी आई। बाजार विश्लेशकों के अनुसार वृद्धि में नरमी के दबाव से घरेलू बाजार पर दबाव बना हुआ है और निवेशकों में इस बात को लेकर आम सहमति है कि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विशेष पैकेज पेश कर सकती है।
वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनियों की कमाई भी सुस्त रही। अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को पूंजी बाजार से 305.74 करोड़ रुपए निकाले। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। निवेशक आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता के बीच जोखिम लेने से बच रहे हैं। अच्छा मानसून, नीतिगत दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को देने और सरकार के प्रभावी उपायों से बाजार में कुछ स्थिरता आएगी।
वैश्विक स्तर पर निवेशकों को फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जैरोम पॉवेल की टिप्पणियों की प्रतीक्षा है, जो इस सप्ताह आने वाली है। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंग सेंग, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान के निक्की में मिले-जुले रुख देखने को मिला। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी दर्ज की गई।