मुंबई। वाहन कंपनियों के शेयरों की भारी बिकवाली से सोमवार को बीएसई सेंसेक्स एवं एनएसई निफ्टी में एक बार फिर से गिरावट का रुख देखने को मिला और दोनों सूचकांक दो माह के न्यूनतम स्तर पर बंद हुए। इससे पहले कई सत्रों तक लगातार टूटन के बाद शुक्रवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट एवं विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाल का असर से सोमवार को निवेशकों की धारणा प्रभावत थी। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक 196.82 अंक यानी 0.52 प्रतिशत टूटकर 37,688.28 अंक पर बंद हुआ।
वहीं एनएसई का निफ्टी 95.10 अंक यानी 0.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,189.20 अंक पर बंद हुआ। बिक्री में गिरावट की समस्या से जूझ रहे वाहन उद्योग के लिए सरकार के नए नीतिगत फैसलों से नयी तरह की समस्याएं खड़ी हो गयी हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पुराने एवं नये वाहनों के लिए पंजीयन शुल्क में वृद्धि और ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 15 साल पुराने वाहनों को इस्तेमाल से बाहर करने के प्रस्तावों के बाद वाहन क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों की भारी बिकवाली देखने को मिली। क्षेत्रवार बात करें तो वाहन क्षेत्र के शेयरों में 3.55 प्रतिशत, धातु में तीन प्रतिशत और दूरसंचार क्षेत्र में 2.85 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इसके उलट सूचना-प्रौद्योगिकी और बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया को सोमवार को बाजार से भी झटका लगा। पहली तिमाही के परिणाम में कंपनी के राजस्व एवं उपयोगकर्ताओं की संख्या में गिरावट के बाद सोमवार को कंपनी के शेयरों में 26.81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। इसके साथ ही कंपनी का बाजार पूंजीकरण 7,126.14 करोड़ रुपये घटकर 19,453.86 करोड़ रुपया रह गया। टाटा मोटर्स के शेयरों में सबसे अधिक 6.52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। इसके अतिरिक्त वेदांता के शेयरों में 5.09 फीसदी, बजाज ऑटो के शेयरों में 4.99 प्रतिशत, मारुति सुजुकी के शेयरों में 4.26 फीसदी और टाटा स्टील के शेयरों में 2.65 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। बीएसई में 30 में से 23 कंपनियों के शेयर टूट गए जबकि महज सात ही बढ़त के साथ बंद हुए।
लाभ दर्ज करने वाले शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक, इंडसइंड बैंक, टीसीएस, इन्फोसिस, एसबीआई और भारती एयरटेल के शेयरों में 3.32 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली। एक विश्लेषक के मुताबिक, ''घरेलू स्तर पर कमजोर निवेश धारणा एवं वैश्विक मोर्चे पर मिश्रित माहौल का असर भी बाजार पर देखने को मिला। आने वाले समय में कोई बहुत बड़ी घटना नहीं होने वाली है, ऐसे में कंपनियों के कमाई के आंकड़े से बाजार की दिशा तय होगी।'' अन्य एशियाई बाजारों की बात करें तो चीन का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स, हांगकांग स्थित हांग सेंग, जापान का निक्केई और कोरिया का कोस्पी अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता से पहले गिरावट के साथ बंद हुए।