मुंबई। कमजोर वैश्विक रुख के बीच आईटी, प्रौद्योगिकी, धातु और वाहन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली के जोर से बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी गिरावट आई और यह 250 अंक नीचे बंद हुआ। इसके अलावा विदेशी कोषों की निकासी से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। हालांकि, अत्यधिक आपूर्ति की चिंता में वैश्विक बाजार में कच्चा तेल टूटकर एक साल के निचले स्तर पर आ गया है। इससे बाजार की गिरावट सीमित रही।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स थोड़े समय के लिए चढ़कर 35,494.25 अंक तक पहुंचने के बाद जल्द नकारात्मक दायरे में आ गया। अन्य एशियाई बाजारों के कमजोर रुख से सेंसेक्स 35,112.49 अंक के निचले स्तर तक आया। अंत में सेंसेक्स 274.71 अंक या 0.77 प्रतिशत के नुकसान से 35,199.80 अंक पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 300.37 अंक टूटा था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10,562.35 से 10,671.30 अंक के दायरे में घूमने के बाद अंत में 56.15 अंक या 0.53 प्रतिशत के नुकसान से 10,600.05 अंक पर बंद हुआ।
मंगलवार को वॉल स्ट्रीट पर चले बिकवाली के सिलसिले के बाद बुधवार को एशियाई बाजारों में कमजोरी का रुख रहा। ब्रोकरों ने कहा कि अमेरिका चीन व्यापार विवाद के बीच कच्चे तेल के दाम 13 माह के निचले स्तर पर आ गए हैं, जिससे आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता पैदा हुई है।
इस बीच, शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 753.17 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 44.06 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।