नई दिल्ली। दुनियाभर के इमर्जिंग मार्केट में इन्वेस्टमेंट निकलने की आशंका के चलते घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 699 अंक गिरकर 26819 पर और एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 229 अंक गिरकर 8296 पर बंद हुआ है। इस गिरावट से निवेशकों ने एक दिन में ही करीब 3.40 लाख करोड़ रुपए गंवा दिए है।
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शेयर बाजार में क्यों आई गिरावट
(1) रुपए में कमजोरी से लुढ़के बाजार
- अमेरिकी डॉलर में आई मजबूती से दुनियाभर की करेंसी के साथ-साथ भारतीय रुपए में भी तेज गिरावट देखने को मिली है। जिसके चलते घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट है।
- शुक्रवार के कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय 66.63 के मुकाबले 67.15 प्रति डॉलर के स्तर पर खुला था, जो कि 29 अगस्त 2016 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे कमजोर होकर 66.49 प्रति डॉलर पर खुला था।
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(2) अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की आशंकाएं हुई तेज
- अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत से इस बात के आशंकाएं बढ़ गए हैं कि दिसंबर की बैठक में अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।
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(3) इमर्जिंग मार्केट में तेज गिरावट
- माना जा रहा है कि ट्रंप अमेरिका में कॉर्पोरेट टैक्स की दरें कम कर सकते है। इससे दुनियाभर की इमर्जिंग मार्केट से पैसा वापस निकलकर फिर अमेरिका पहुंचने की संभावनाएं तेज हो गई है। इसीलिए इमर्जिंग मार्केट समेत भारतीय शेयर बाजार में गिरावट है।
निवेशकों ने एक झटके में गंवा दिए 3.4 लाख करोड़ रुपए
- हफ्ते के आखिरी दिन हुई तेज बिकवाली के चलते बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट कैप गुरुवार के 1,11,30,274 करोड़ रुपए के मुकाबले शुक्रवार को गिरकर 1,07,93,538 करोड़ रुपए पर आ गई।
- इससे एक ही दिन में निवेशकों के शेयरों का वैल्यू 3,36,736 लाख करोड़ रुपए तक गिर गई है।
खरीदारी का सबसे अच्छे मौका
- एचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप के हेड ऑफ बिजनेस, वी के शर्मा का कहना है कि इन माहौल को देखते हुए अब से लेकर दिसंबर तक बाजार में जो भी गिरावट आएगी उसमें जमकर खरीदारी करनी चाहिए।
- वी के शर्मा के उदाहरण देते हुए समझाया कि 2008 की मंदी से अब तक घरेलू निवेशकों को 35 फीसदी का रिटर्न मिला है, जबकि एफआईआई को 21 फीसदी का घाटा हुआ है।
- यही वजह है कि घरेलू बाजारों में एफआईआई की ओर से निवेश और बढ़ने की उम्मीद है।
- दरअसल डॉलर में मजबूती से एफआईआई को नुकसान हुआ है, लेकिन अब डॉलर में स्थिरता के आसार बन रहे हैं। इन परिस्थितियों में एफआईआई का निवेश बढ़ने की पूरी पूरी गुंजाइश है।
अब आगे बाजार में क्या
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप के हेड ऑफ बिजनेस, वी के शर्मा का कहना है कि 500 और 1000 रुपए के नोट पर जो बैन लगा है, उससे रुपए में मजबूती देखने को मिलेगी। इस तरह, आगे डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने के पूरे आसार हैं। रुपए में तेजी के साथ ही आगे लंबी अवधि में भी बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी।